मुंबई, 15 मई . फिल्म निर्माता-निर्देशक शेखर कपूर सोशल मीडिया पर अक्सर खट्टी-मीठी तो कभी दिल को छू लेने वाली यादें प्रशंसकों के साथ शेयर करते रहते हैं. उन्होंने लेटेस्ट पोस्ट में बताया कि उनके समय में ‘रेल यात्रा’ कैसी होती थी. सफर के दौरान परिवार या दादी-नानी क्या-क्या तैयारियां करती थीं.
शेखर कपूर ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया. उन्होंने आज के समय की तुलना पुराने समय से करते हुए कैप्शन में लिखा, “आज के समय में सफर करना… पुराने समय से काफी अलग हो चुका है. यह पोस्ट अपने कंप्यूटर और गैजेट्स से बाहर निकलने और यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि आप कुछ भी भूले नहीं हैं. हालांकि, मैं अक्सर भूल जाया करता हूं. मेरी ये यादें आपकी यादों से भी जुड़ी हैं.”
कपूर ने बताया कि पहले यात्रा करना बहुत मजेदार हुआ करता था! खासकर ट्रेन से यात्रा करना तो और भी ज्यादा. आपको याद है? वो परिवार के साथ छुट्टियों पर जाना, जब आपके पिता हमेशा ट्रेन स्टेशन पर देर से पहुंचते थे. आपकी दादी सिर्फ इस बात के लिए अचार के जार ले जाने पर जोर देती थीं कि रास्ते में खाने में कोई दिक्कत न हो….”
उन्होंने बताया, “अपने बैग को जरूरत की चीजों से भरना कितना सुखद होता था. याद है? बेडिंग लपेटकर अपने सारे कपड़े और अन्य सामानों को अंदर रखना, कुलियों से बहस करना. ट्रेन में जाते ही अपनी सीट पर बैठ जाना कि कोई और आपकी सीट पर न बैठ जाए. टीटीई से इसलिए बहस करना क्योंकि उसने आपकी बुक की हुई सीट किसी और को दे दी… और आपके पिताजी अभी तक नहीं आए हैं.”
यादों को कुरेदते हुए उन्होंने बताया, “गार्ड के सीटी बजाते ही परिवार का दौड़कर ट्रेन पकड़ना और स्टेशन छोड़ने आए लोगों का बाय-बाय बोलना, खिड़कियों से सामान ठूंसना, और तो और गार्ड सीटी बजाता है, लेकिन आप रो रहे हैं कि आपके पिताजी अभी तक नहीं आए और मां आपको शांत कराने की कोशिश करती हैं. ट्रेन चलती है और रुक जाती है. फिर सभी परेशान होने लगते हैं कि ट्रेन क्यों नहीं चलती? इसके बाद पिताजी की मुस्कुराते हुए एंट्री होती है और गार्ड सीटी बजाता है और इसके साथ ही यात्रा की रोमांचक शुरुआत हो जाती है. एयर होस्टेस मुझसे मेरा फोन बंद करने के लिए कह रही हैं, और बहुत कुछ है बाद में बताऊंगा.”
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एमटी/एकेजे
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