नई दिल्ली, 12 मई . विराट कोहली के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने पर भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि विराट कोहली को अभी टेस्ट क्रिकेट नहीं छोड़ना चाहिए था. अभी उनमें काफी क्रिकेट बाकी थी. वह अभी तीन-चार साल और खेल सकते थे.
योगराज सिंह ने सोमवार को समाचार एजेंसी से खास बातचीत में कहा, “अगर खिलाड़ी अपने-आप को फिट रखें तो 50 साल तक खेल सकते हैं. उम्र कोई फैक्टर नहीं है. रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास ने मुझे हैरान किया है. वे दोनों महान खिलाड़ी थे, ऐसे खिलाड़ी सदियों में बनते हैं. लेकिन, दोनों का यह निजी निर्णय है, इसलिए मैं इस पर कोई कमेंट नहीं कर सकता हूं. मगर निजी तौर पर मेरा मानना है कि रोहित और विराट के पास बहुत क्रिकेट बाकी है.”
योगराज सिंह ने कहा, “मुझे लगता है कि दोनों ने शायद संन्यास लेने में थोड़ी जल्दी कर दी. कम से कम उन्हें एक साल और खेलना चाहिए था. शुभमन गिल, जो नए कप्तान बनने वाले हैं, उन्हें थोड़ा समझाना चाहिए था, अनुभव देना चाहिए था. जैसे एक बाप अपने बेटे को अपनी विरासत सौंपता है, ठीक उसी तरह उन्हें टीम को थोड़ा तैयार करके जाना चाहिए था. मैं बतौर खिलाड़ी खुद के संन्यास के समय भी यहीं सोचूंगा. हालांकि, हमारे युवा खिलाड़ी अच्छे हैं, इसलिए रोहित और विराट ने जो फैसला लिया है वह ठीक ही है.”
उन्होंने कहा, “जिस तरह मेरे लिए युवराज सिंह हैं, ठीक उसी तरह टीम इंडिया के सभी खिलाड़ी हैं. एक पिता के रूप में मैं उन्हें रुकने को कहता. अभी टीम को तुम्हारी जरूरत है. फिटनेस पर काम करते हुए लंबे समय के लिए खेला जा सकता है. विराट की फिटनेस ऐसी है कि उसे अगर कोई फॉलो करे तो महान खिलाड़ी बन सकता है. ऐसे महान खिलाड़ियों को 40 साल तक 42 साल तक खेलना चाहिए. युवराज सिंह के संन्यास से भी मैं काफी हैरान और निराश हुआ था. मुझसे पूछा नहीं गया था. मैं अब भी उनसे कहता हूं कि तुम पांच-छह साल क्रिकेट खेल सकते थे. क्या हुआ, टेस्ट क्रिकेट नहीं है, वनडे नहीं है, आजकल बहुत से क्रिकेट हैं. परफॉर्म करके वापस टीम में आ सकते हैं. लेकिन बड़े प्लेयर्स को लगता है कि उन्होंने बहुत कुछ कर लिया है. यह बात सही भी है लेकिन मैं यही कहूंगा कि खिलाड़ी कभी बूढ़ा नहीं होता. खिलाड़ी हमेशा खिलाड़ी ही होता है.”
योगराज सिंह ने रोहित और कोहली की तारीफ करते हुए कहा, “दोनों बेहतरीन क्रिकेटर थे, उन्हें खेलते हुए देखना अच्छा लगता था, लेकिन हर अच्छी चीज का अंत होता है. इसी तरह इन्होंने भी संन्यास ले लिया है. एक न एक दिन उन्हें जाना ही था, निजी तौर पर यही कहूंगा कि वे एक साल और रुक सकते थे.”
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एसके/एकेजे
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