इस्लामाबाद, 2 सितम्बर . किसान इत्तेहाद पाकिस्तान (केआईपी) के सदस्य पाकिस्तान अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर क्वेटा प्रेस क्लब के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ गए.
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केआईपी अध्यक्ष खालिद हुसैन बाथ ने कहा कि जब तक सरकार 2022 से प्रभावित किसानों और भूस्वामियों से संबंधित उनकी मांगों को स्वीकार और लागू नहीं करती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी. उन्होंने बार-बार अनुरोध के बावजूद सरकार द्वारा उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कदम न उठाने पर खेद व्यक्त किया.
बाथ ने कहा, “हम एक बार फिर अपनी 15-सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं.”
उन्होंने घोषणा की कि प्रेस क्लब के बाहर एक भूख हड़ताल शिविर बनाया गया है और चेतावनी दी कि अगर अधिकारियों ने उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया तो यह सांकेतिक भूख हड़ताल आम भूख हड़ताल में बदल जाएगी.
केआईपी अध्यक्ष ने बलूचिस्तान सरकार पर वादों के बावजूद किसानों और भूस्वामियों को सौर ऊर्जा प्रणाली उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया और बताया कि क्वेटा इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी उनके बिजली कनेक्शन काट रही है. उन्होंने सरकार से कृषि नलकूपों के सौरीकरण के लिए किसानों और भूस्वामियों को धनराशि देने का आग्रह किया और मंजोशोरी, नसीराबाद में रबी नहर के नलकूप कनेक्शन बहाल करने और हरनाई और कुचलक में बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग की.
इससे पहले 16 अगस्त को, केआईपी के अध्यक्ष खालिद हुसैन बाथ ने बलूचिस्तान सरकार पर नसीराबाद डिवीजन (प्रांत का एकमात्र हरित क्षेत्र) के किसानों को कृषि नलकूपों को सौर ऊर्जा में बदलने के लिए वादे के बावजूद धनराशि उपलब्ध न कराने का आरोप लगाया था.
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 16 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नलकूप बंद हो गए हैं, फसलें सूख रही हैं और बिजली आपूर्ति बाधित होने से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने किसानों को सौर ऊर्जा के लिए धनराशि देने का वादा किया था. हालांकि, स्वीकृत धनराशि अभी तक जारी नहीं की गई है.
बिजली कनेक्शन काट दिए गए और भुगतान किए जाने से पहले ही आपूर्ति तीन-चरण से दो-चरण में स्थानांतरित कर दी गई. उन्होंने कहा कि नलकूप बंद हो गए हैं और रबी नहर में पानी नहीं आ रहा है, जबकि बिजली आपूर्ति बाधित होने से कृषि, पशुधन और स्थानीय समुदाय बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं.
केआईपी अध्यक्ष ने कहा कि सिंचाई के पानी की अनुपलब्धता के कारण फसलें नष्ट हो गई हैं और पीने के पानी की भी कमी हो गई है. बलूचिस्तान के सिंचाई मंत्री के आश्वासन के बाद किसानों ने फसल बोई थी, लेकिन पानी की कमी के कारण बीज नष्ट हो गए.
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केआर/
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