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वोटों की चोरी नहीं होने देंगे, संघर्ष जारी रहेगा : मृत्युंजय तिवारी

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पटना, 11 अगस्त . राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता मृत्युंजय तिवारी ने संसद से चुनाव आयोग के मुख्यालय तक इंडिया ब्लॉक के मार्च का समर्थन किया. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी कीमत पर वोट चोरी नहीं होने देंगे और संघर्ष जारी रहेगा.

Monday को से बातचीत में राजद नेता ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के सांसदों का पैदल मार्च इस बात का संकेत है कि आम जनता को वोट के अधिकार से वंचित नहीं होने देंगे. यह लड़ाई सड़क से लेकर संसद और अदालत तक लड़ी जा रही है. लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश हो रही है, लेकिन वोटों की चोरी नहीं होने देंगे. इसके खिलाफ बड़ा संघर्ष चल रहा है और यह जारी रहेगा.

चुनाव आयोग की ओर से राहुल गांधी को माफी मांगने पर राजद प्रवक्ता ने कहा कि यह साफ है कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार की लिखी स्क्रिप्ट के मुताबिक काम कर रहा है. राहुल गांधी Lok Sabha में विपक्ष के नेता हैं. उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं और चुनाव आयोग को आगे आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए. लेकिन, चुनाव आयोग शपथ मांग रहा है.

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर जो धब्बा लगा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.

बिहार के उपChief Minister विजय सिन्हा पर दो वोटर आईडी कार्ड रखने के मामले में राजद नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव ने विजय सिन्हा को बेनकाब किया, जिसके बाद सरकार और उसके समर्थक चुप हैं. उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में कथित तौर पर गड़बड़ी की संभावना जताते हुए कहा कि 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए, और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में लगभग 25-30 हजार वोट प्रभावित हुए.

राजद नेता ने कहा कि विजय सिन्हा पहले अपने दोहरे वोटर आईडी के बारे में चुप थे और अब तेजस्वी द्वारा खुलासे के बाद ही सफाई दे रहे हैं.

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह के बयान पर राजद नेता ने कहा कि भारतीय सैनिकों की वीरता, पराक्रम और शौर्य पर पूरे देश को गर्व है. हालांकि, एयर चीफ मार्शल की ओर से बयान जारी करने में देरी क्यों हुई, इस पर सवाल है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब हमारी सेना ने पाकिस्तान को घुटने पर ला दिया तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव में सीजफायर की घोषणा क्यों हुई?

तिवारी ने दावा किया है कि सरकार सेना की उपलब्धियों का राजनीतिक फायदा उठा रही है, जो कि उचित नहीं है. भारतीय सेना का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए.

डीकेएम/एएस

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