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अमृतसर में नशे के खिलाफ मार्च को मिला शहरवासियों का साथ, गवर्नर कटारिया ने की युवाओं से नशे से दूर रहने की अपील

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अमृतसर, 7 अप्रैल . पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने ‘युद्ध नशे विरुद्ध’ अभियान के तहत अमृतसर शहर में नशे के खिलाफ मार्च का नेतृत्व किया. यह मार्च गुरदासपुर जिले से शुरू हुआ था और सोमवार को अमृतसर पहुंचा. इसमें बड़ी संख्या में शहरवासी और विद्यार्थी शामिल हुए. राज्यपाल ने लोगों से मुलाकात की और नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि यह मार्च अपने आखिरी दिन जलियांवाला बाग तक जाएगा, जहां शहीदों को श्रद्धांजलि देकर अभियान खत्म होगा.

कटारिया ने अपने भाषण में कहा, “पंजाब गुरुओं और पीरों की धरती है. यहां के युवाओं ने पूरे देश में पंजाब का नाम रोशन किया है. लेकिन, नशे की बढ़ती समस्या चिंता का विषय है. इसे खत्म करने के लिए पंजाब सरकार अपने स्तर पर काम कर रही है और हमने यह जागरूकता मार्च शुरू किया है.”

उन्होंने अमृतसर जिला प्रशासन का शुक्रिया अदा किया, जिसने इस अभियान में पूरा सहयोग दिया. साथ ही, उन्होंने विद्यार्थियों से नशे से दूर रहने की अपील की और वादा किया कि पंजाब को नशा मुक्त बनाकर ही दम लेंगे.

मार्च के दौरान विद्यार्थियों ने राज्यपाल को सम्मानित किया. उन्होंने कहा, “यह सम्मान नशे के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक है. मेरा मकसद इसे जन आंदोलन बनाना है, न कि सिर्फ सरकार या गवर्नर का अभियान. गांव-गांव तक जागरूकता पहुंचानी होगी. हर गांव में कमेटी बनाकर, रैलियां निकालकर और तहसील-जिला स्तर पर काम करके ही नशे को जड़ से खत्म कर सकते हैं.”

उन्होंने आगे कहा कि नशे के सौदागरों को पकड़ने के लिए सरकार को सूचना देनी चाहिए. छोटे तस्करों से बड़े गैंग तक पहुंचना जरूरी है. केवल गरीब को पकड़ने से काम नहीं चलेगा. हमें असली स्रोत तक जाना होगा. जनता का साथ मिले तो नशा मुक्त और रंगला पंजाब का सपना पूरा हो सकता है. केंद्र और राज्य सरकार प्रयास कर रही है, लेकिन जनता के बिना यह लड़ाई अधूरी है.

कटारिया ने जोर देकर कहा कि उनका ध्यान सिर्फ नशा मुक्ति पर है. उन्होंने कहा “मैं इस मुद्दे से भटकना नहीं चाहता. हमारा लक्ष्य साफ है- पंजाब को नशे से आजाद करना.”

एसएचके/

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