धन, वैभव, सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए हिन्दू शास्त्रों में कई सारी पूजा विधि उल्लिखित हैं। लक्ष्मी पंचमी के दिन पूजा के साथ व्रत भी किया जाता है। अमूमन महिलाएं ही इसदिन व्रत करती हैं लेकिन पुरुष भी व्रत कर सकते हैं। व्रत के नियम सरल हैं। केवल फलाहारी खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें, नमक और खट्टा खाने से बचें और रात को लक्ष्मी पूजन के बाद ही व्रत खोलें।
लक्ष्मी पंचमी पर रात के समय देवी की पूजा करने का महत्व है, लेकिन आप चाहें तो सुबह भी पूजा कर सकते हैं। पूजा के लिए मां लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति को लाल साफ कपड़े पर स्थापित करें। सबसे पहले देवी को हाथ जोड़कर नमन करें और सामने बैठ कर लक्ष्मी बीज मंत्र, देवी सूक्त, कनकधारा स्त्रोत, लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी सुक्ति, इनमें से किसी भी एक का पाठ करें। पाठ समाप्त होने के बाद देवी को फल, मिठाई, श्रृंगार का सामान अर्पित करें। देवी को सिन्दूर लगाएं और इसके बाद महिलाएं इसी सिन्दूर से अपनी मांग भी भरें।
व्रत-पूजा के लाभहिन्दू धर्म के मतानुसार धन की देवी लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से जीवन में कभी धन संबंधी कष्ट नहीं आते हैं। यदि कुंडली में धन भाव में कोई दोष हो तो वह भी इसदिन व्रत और पूजा करने से खण्डित हो जाता है। इसके अलावा यदि जीवन में सुख की कमी हो, परिवार में खुशहाली की कमी हो तो ऐसे व्यक्ति को भी लक्ष्मी पंचमी का व्रत या कम से कम इसदिन पूजा अवश्य करनी चाहिए।
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