पटना: बिहार में अब स्कूल से गायब रहने वाले और राजनीति में शामिल होने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव (ACS) एस सिद्धार्थ ने इस बारे में आदेश जारी किया है। उन्होंने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) को ऐसे शिक्षकों को चिह्नित कर निलंबित करने और उन पर विभागीय कार्रवाई करने को कहा है। यह फैसला पूर्व ACS केके पाठक के दिल्ली जाने के बाद लिया गया है, लेकिन उनका असर अभी भी शिक्षा विभाग में दिख रहा है। हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब रहते टीचरशिक्षा विभाग को शिकायत मिली थी कि कुछ शिक्षक हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब हो जाते हैं। यह भी शिकायत मिली थी कि कुछ शिक्षक स्थानीय राजनीति में शामिल हैं। इन शिकायतों के आधार पर विभाग ने 28 अप्रैल को कुछ स्कूलों का गुप्त निरीक्षण कराया था। DEO को भेजे गए पत्र में एस सिद्धार्थ ने कहा है कि अगर कोई शिक्षक हाजिरी लगाकर स्कूल से गायब होता है, तो यह शिक्षा विभाग के साथ धोखाधड़ी है। इसलिए, DEO को ऐसे शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। राजनीति से दूर रहें टीचरशिक्षा विभाग ने यह भी कहा है कि कुछ स्कूलों में शिक्षक स्थानीय राजनीति में शामिल पाए गए हैं। ऐसे शिक्षकों पर भी कार्रवाई की जाएगी। विभाग का मानना है कि शिक्षकों को राजनीति से दूर रहना चाहिए और अपना पूरा ध्यान बच्चों को पढ़ाने पर लगाना चाहिए। यह आदेश केके पाठक के दिल्ली जाने के बाद आया है, लेकिन यह दिखाता है कि शिक्षा विभाग अभी भी उनकी नीतियों का पालन कर रहा है। केके पाठक की राह पर एस सिद्धार्थबता दें कि केके पाठक ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई सख्त कदम उठाए थे। उन्होंने शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने पर जोर दिया था। अब एस सिद्धार्थ भी उसी रास्ते पर चल रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को चेतावनी दी है कि अगर वे स्कूल से गायब रहे या राजनीति में शामिल हुए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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