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अमेरिका 1, चीन 2, भारत 3... इस लिस्ट में होगा बड़ा उलटफेर, नितिन गडकरी को भरोसा- हम बनेंगे सरताज

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नई दिल्‍ली: सरकार अगले पांच सालों में भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग को दुनिया में सबसे आगे ले जाने के लिए काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह बात कही है। उन्होंने बताया कि ऑटोमोबाइल इंडस्‍ट्री सरकार को सबसे ज्यादा जीएसटी रेवेन्‍यू देती है। यह बड़े पैमाने पर रोजगार भी पैदा करती है। गडकरी का लक्ष्य है कि भारत का वाहन उद्योग दुनिया में नंबर एक बने। इस समय अमेरिकी वाहन उद्योग का आकार सबसे बड़ा 78 लाख करोड़ रुपये है। उसके बाद चीन (47 लाख करोड़ रुपये) और भारत (22 लाख करोड़ रुपये) का स्थान है।



नितिन गडकरी ने 'अंतरराष्ट्रीय मूल्य शिखर सम्मेलन 2025' के उद्घाटन पर कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया की सभी बड़ी वाहन कंपनियां मौजूद हैं। जब उन्होंने परिवहन मंत्री का पद संभाला था, तब भारत का वाहन उद्योग 14 लाख करोड़ रुपये का था। अब यह बढ़कर 22 लाख करोड़ रुपये हो गया है।



अभी अमे‍र‍िका नंबर 1 पर

गडकरी ने बताया कि अभी अमेरिका का ऑटोमोबाइल उद्योग 78 लाख करोड़ रुपये का है। चीन 47 लाख करोड़ रुपये के साथ दूसरे नंबर पर है। भारत 22 लाख करोड़ रुपये के साथ तीसरे पायदान पर है।



मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को पाने के लिए हमें अच्छा बुनियादी ढांचा बनाना होगा।



उलटफेर के ल‍िए पांच साल का टारगेट

गडकरी के अनुसार, 'हमारा लक्ष्य पांच साल के भीतर भारत के वाहन उद्योग को दुनिया में शीर्ष स्थान वाला बनाना है।' इसका मतलब है कि सरकार चाहती है कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग अगले पांच सालों में दुनिया में सबसे अच्छा हो जाए।



उन्होंने यह भी बताया कि वाहन उद्योग सरकार को सबसे ज्यादा जीएसटी देता है। जीएसटी एक तरह का टैक्स है जो सामान और सेवाओं पर लगता है। वाहन उद्योग से सरकार को बहुत ज्यादा टैक्स मिलता है, जिससे देश को फायदा होता है।

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