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प्रोटीन शेक दूध में लें या पानी में, साइंस के हिसाब से जानिए किससे मिलेगा ज्यादा फायदा

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आज के समय में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ने के साथ प्रोटीन शेक का इस्तेमाल भी आम हो गया है। जिम जाने वाले से लेकर घर पर वर्कआउट करने वालों तक, सभी लोग प्रोटीन सप्लीमेंट को अपनी डाइट में शामिल करते हैं। लेकिन एक सवाल अक्सर परेशान करता है — प्रोटीन शेक दूध में मिलाकर पीना सही है या पानी में?

डॉ सुरेंद्र कुमार, एमबीबीएस, जनरल फिजिशियन, नई दिल्ली के मुताबिक, यह सवाल इतना साधारण भी नहीं है जितना लगता है, क्योंकि इसका सीधा संबंध आपके फिटनेस गोल्स से है। अगर आप मसल्स बनाने पर फोकस कर रहे हैं तो दूध के साथ प्रोटीन शेक लेना फायदेमंद हो सकता है। वहीं अगर आप वजन घटाने या लो-कैलोरी डाइट पर हैं, तो पानी एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

साइंस (Ref) के नजरिए से दोनों तरीकों के अपने-अपने फायदे और नुकसान हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि दूध और पानी के साथ प्रोटीन शेक लेने के बीच क्या मुख्य अंतर है, और आपके लिए कौन-सा ऑप्शन ज्यादा फायदेमंद रहेगा। चलिए, इस दिलचस्प तुलना के साथ सही विकल्प चुनने में आपकी मदद करते हैं! (photo Credit):iStock


दूध के साथ प्रोटीन शेक: मसल्स बिल्डिंग के लिए बेस्ट image

अगर आपकी प्राथमिकता मसल्स गेन करना है, तो दूध में प्रोटीन शेक लेना एक शानदार विकल्प है। दूध में नेचुरल प्रोटीन, कैल्शियम और हेल्दी फैट्स होते हैं, जो शरीर को अतिरिक्त पोषण प्रदान करते हैं। इसके साथ ही दूध में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स प्रोटीन के अवशोषण में मदद करते हैं। यह ऑप्शन उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो वजन बढ़ाने या मसल्स की रिकवरी तेज करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, अगर आपको लैक्टोज इन्टॉलरेंस है तो दूध से बचना चाहिए।


पानी के साथ प्रोटीन शेक: वजन घटाने के लिए बेस्ट image

पानी के साथ प्रोटीन शेक लेना उन लोगों के लिए आदर्श है जो कम कैलोरी में हाई प्रोटीन इनटेक चाहते हैं। पानी के साथ मिलाने पर प्रोटीन जल्दी पचता है और शरीर इसे तेजी से अवशोषित करता है। यह तरीका खासकर उन लोगों के लिए सही है जो वजन घटाना चाहते हैं या डायजेशन को हल्का रखना पसंद करते हैं। साथ ही, पानी के साथ शेक पीने से पेट में भारीपन भी महसूस नहीं होता, जिससे वर्कआउट के बाद भी आप हल्का महसूस करते हैं।


स्वाद और बनावट में क्या फर्क पड़ता है image

दूध में मिलाए गए प्रोटीन शेक का स्वाद अधिक क्रीमी और रिच होता है, जिससे पीने में एक संतोषजनक फीलिंग आती है। वहीं, पानी के साथ बनाया गया शेक थोड़ा पतला और हल्का होता है, लेकिन जल्दी पच जाता है। अगर आपको गाढ़ा और मीठा स्वाद पसंद है तो दूध एक बेहतर विकल्प है। दूसरी ओर, अगर आप हल्का, जल्दी पचने वाला ड्रिंक चाहते हैं, तो पानी के साथ प्रोटीन लेना फायदेमंद रहेगा। स्वाद के हिसाब से भी आपका चुनाव आपके लक्ष्य पर निर्भर करता है।


डाइजेशन और पेट पर प्रभाव image

डाइजेशन के मामले में पानी के साथ प्रोटीन शेक लेना आसान और हल्का पड़ता है। यह पेट में जल्दी पच जाता है और ब्लोटिंग की समस्या नहीं होती। दूध में मौजूद लैक्टोज कुछ लोगों को सूजन या गैस की समस्या दे सकता है, खासकर अगर वे लैक्टोज इन्टॉलरेंस से पीड़ित हैं। इसलिए अगर आपका पेट संवेदनशील है या आपको अक्सर अपच की शिकायत रहती है, तो पानी के साथ प्रोटीन लेना एक सुरक्षित और आरामदायक विकल्प हो सकता है।


मसल्स गेन या फैट लॉस image

आखिरकार, प्रोटीन शेक को दूध या पानी में लेने का फैसला आपके फिटनेस लक्ष्य पर टिका है। अगर आप मसल्स मास बढ़ाना चाहते हैं, तो दूध में प्रोटीन लेना ज्यादा फायदेमंद होगा क्योंकि यह अतिरिक्त कैलोरी और पोषक तत्व देता है। वहीं अगर आपका लक्ष्य फैट लॉस या टोंड फिजिक पाना है, तो पानी के साथ प्रोटीन लेना ज्यादा समझदारी भरा निर्णय है। सही विकल्प चुनने से आपके रिजल्ट जल्दी दिखेंगे और आपकी फिटनेस जर्नी आसान बनेगी।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

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