नई दिल्ली: ढाई करोड़ लोगों की प्यास बुझाने के लिए जल बोर्ड ने समर ऐक्शन प्लान तैयार किया है। मंगलवार को इसे लेकर मीटिंग भी बुलाई गई थी, लेकिन सीमित संसाधनों और सीमित पानी सप्लाई से करोड़ों की आबादी वाली दिल्ली की प्यास बुझाना आसान नहीं है। 15,600 किमी लंबे पाइपों के नेटवर्क से दिल्ली में जितना पानी सप्लाई होता है, उसका करीब 48 से 50 प्रतिशत पानी लीकेज के चलते बर्बाद हो जाता है। बाकी बचा 50 प्रतिशत पानी ही लोगों के घरों में पहुंचता है। इसलिए गर्मियों में दिल्लीवालों को सिर्फ टैंकरों का ही सहारा है। हरियाणा से मुनक नहर से आता है पानीदिल्ली को अलग-अलग स्रोतों से पानी मिलता है और यह पानी हरियाणा से मुनक नहर से दिल्ली आता है। मुनक नहर का पानी हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर आकर सीएलसी और डीएसबी दो नहरों में बंट जाता है। सीएलसी नहर से 369 क्यूसेक और डीएसबी से 178 क्यूसेक पानी दिल्ली को मिलता है। उत्तर प्रदेश के मुरादनगर स्थित गंगा कैनाल से दिल्ली को 140 एमजीडी पानी मिलता है। कुल मिलाकर इन दोनों राज्यों से दिल्ली को जितना पानी मिलता है, उससे 990-1000 एमजीडी पानी सप्लाई किया जाता है। भाखड़ा बेस मैनेजमेंट बोर्ड से दिल्ली जल बोर्ड ने 610 एमजीडी और गंगा वॉटर कैनाल 254 एमजीडी के लिए अग्रीमेंट किया है। भाखड़ा बेस मैनेजमेंट बोर्ड से मिलना वाला पानी ही हरियाणा के मुनक नहर से आता है। 126 एमजीडी पानी दिल्ली 5700 से अधिक जल बोर्ड के ट्यूबवेल से मिलता है। ट्यूबवेल से निकला पानी ही साफ कर सप्लाई किया जाता है। 48-50 प्रतिशत पानी लीकेज के चलते बर्बाद 990-1000 एमजीडी पानी सप्लाई करने के लिए जल बोर्ड ने पूरे दिल्ली में 15,600 किमी लंबा पाइपों का नेटवर्क बिछाया है। लेकिन, ये लाइनें करीब 40-50 साल पुरानी हैं। दशकों पुरानी इन लाइनों में बड़ी संख्या में लीकेज है, जिसके चलते जल बोर्ड का अनुमान है कि 40-50 प्रतिशत पानी बर्बाद हो जाता है। कुछ पानी मुनक नहर में लीकेज के चलते बर्बाद हो रहा है। 990 एमजीडी पानी में से आधा पानी लीकेज के चलते बर्बाद हो रहा है। मुश्किल से दिल्लीवालों के घरों में 400-450 एमजीडी पानी ही पहुंच रहा है। ऐसे में जल बोर्ड ने इस बार गर्मियों के दिनों में लोगों को पर्याप्त पानी सप्लाई के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाने का प्लान बनाया है, ताकि जिन इलाकों में पानी की कमी हो, वहां टैंकरों से सप्लाई किया जा सके।
क्या है गर्मियों के लिए पानी सप्लाई का प्लान जल बोर्ड अफसरों के अनुसार टैंकरों की कुल संख्या 1019 है। जिसमें से 769 टैंकर तो अनुबंधित (हायर किए गए) हैं। जल बोर्ड के 250 टैंकर हैं। इसमें से किसी की कैपसिटी 3 हजार लीटर, तो किसी की 5,000 लीटर है। टैंकरों की संख्या 1019 से बढ़ाकर 1200 किया जाएगा। इसके अलावा एक टैंकर एक दिन जहां एक या दो फेरे ही पानी ढोता है, उसके फेरे बढ़ाकर 10 या 12 किए जाएंगे। टैंकरों के फेरे बढ़ाने के लिए दो शिफ्टों में काम करने के लिए कुछ ड्राइवर भी हायर करने का प्लान बनाया गया है। जिस जगह जितने पानी की डिमांड है, टैंकरों से उतना ही पानी वहां के लोगों को मिले इसके लिए प्रत्येक टैंकर में जीपीएस के अलावा सेंसर भी लगाए जा रहे हैं। ताकि यह पता चल सके फिलिंग स्टेशन से टैंकर में जितना पानी भरा गया, उतना ही सप्लाई हुआ या इससे कम किया गया। लीकेज ढूंढने के लिए ड्रोन सर्वे का प्लान बड़े और मेन वॉटर सप्लाई पाइपलाइनों में पानी की लीकेज ढूंढने के लिए जल बोर्ड ने इस बार पाइपलाइनों का ड्रोन सर्वे का प्लान भी बनाया है। अफसरों का कहना है कि इससे आसानी से पता चल सकता है कि पाइपलाइनों में कहां लीकेज है। ड्रोन से जो तस्वीरे आएंगी, उसमें लैटीट्यूड और लॉन्गिट्यूड भी होगा, जिससे लीकेज को ढूंढना आसान हो जाएगा। जमीन के अंदर जो पाइपलाइनें हैं, उनका लीकेज ढूंढने के लिए सेंसर युक्त कुछ मशीनों को खरीदने का भी प्लान है। अगर जल बोर्ड पाइपलाइनों की लीकेज को बंद करने में सफल रहता है, तो दिल्ली में इस साल गर्मियों में पानी की उतनी दिक्कत नहीं होगी। अवैध कॉलोनियों में जून तक मिलेगा पाइपलाइन से पानीदिल्ली के बड़े हिस्से में स्थित अनधिकृत कॉलोनियों के सभी घरों में पाइपलाइन से वॉटर सप्लाई की सुविधा नहीं है। 1779 अनधिकृत कॉलोनियां में से 586 कॉलोनियों में ही वॉटर की सप्लाई लाइनें बिछाई गई हैं। इसमें भी 3,72,908 घरों में पाइपलाइन पानी की सप्लाई हो रही है। करीब 67 प्रतिशत कॉलोनियों में वाटर सप्लाई के लिए पाइनलाइन बिछाने का काम बाकी है।
जल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक पिछली सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों में वॉटर सप्लाई बेहतर करने और सीवरेज सिस्टम को बेहतरीन बनाने के लिए सभी कॉलोनियों में पाइपलाइनें बिछाने का काम शुरु करवाया था। पिछले 9 सालों में 586 कॉलोनियों में पानी सप्लाई के लिए पाइपलाइनें बिछाई गई हैं। अभी 1193 कॉलोनियों में पाइपलाइनें बिछाने का काम बाकी है। कुछ अनधिकृत कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाने का काम अभी जारी है। अफसरों का कहना है कि अनधिकृत कॉलोनियों के एक बड़े हिस्से में अभी पाइपलाइन बिछाना पड़ेगा, तभी सभी को पाइप वाटर की सप्लाई करना संभव होगा। पूर्वी दिल्ली के शाहदरा स्थित सोनिया विहार में 60 हजार आबादी, नरेला के स्वतंत्र नगर में 55 हजार, संजय कॉलोनी में 48 हजार, स्वरूप नगर में 75 हजार आबादी के लिए पाइपलाइनें बिछाई गईं हैं। पाइपलाइन बिछाने का काम साल 2013-14 में पहली बार जोर पकड़ा था। इस साल 15,378 लोगों के घरों में पानी की सप्लाई पाइपलाइनों हुई।

You may also like
Goa News: गोवा में आवारा कुत्तों ने 18 महीने की बच्ची को नोच-नोच कर मार डाला, इलाके में हड़कंप
अमेरिका के हाथों की कठपुतली बने यूनुस, म्यांमार को तोड़ने के लिए बांग्लादेश की सेना को लगाया, एशिया में बनेगा नया देश?
अब महज 7 दिन में हो जाएगा GST रजिस्ट्रेशन, कारोबारियों को अब नहीं करनी होगी ज्यादा माथापच्ची
Rajasthan weather update: 7 जिलों में तेज गर्मी पड़ने का जारी हुआ येलो अलर्ट, कल से बदलेगा मौसम
20 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच इन राशियों को हो सकता है कोई बडा नुकसान या बीमारी, इस उपाय से कर सकते हैं बचाव