TOI की एक रिपोर्ट ( ref.) के अनुसार, एक आवारा कुत्ते ने गाय को काटा था, जिसके बाद गाय को रेबीज हो गया। आस-पास के कुछ लोगों ने रेबीज का टीका लगवाया, लेकिन महिला ने सावधानी नहीं बरती। दूध पीने के कुछ दिनों बाद उसमें लक्षण दिखने लगे।
परिवार वाले उसे कई अस्पतालों में ले गए, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया। अंत में, जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे घर ले जाने की सलाह दी। इसके कुछ समय बाद उसकी मौत हो गई। इस केस से लोग चिंतित हैं और मन में डर पैदा हो गया है कि क्या दूध के जरिए भी रेबीज फैल सकता है क्या?
क्या दूध से रेबीज फैल सकता है?

ICAR की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेबीज से संक्रमित गाय या भैंस के दूध में रेबीज वायरस होता है। अगर ऐसा दूध बिना उबाले पिया जाए, तो खतरा है। रिपोर्ट में 'बिना उबाले दूध पीने वाले व्यक्ति' को रेबीज के खतरे के आधार पर श्रेणी 1 में रखा गया है। इस श्रेणी में संक्रमित जानवर द्वारा चाटना, मुंह, नाक, गुदा, जननांग और कंजंक्टिवा जैसे इंटैक्ट म्यूकस मेम्ब्रेन को चाटना और बिना खून निकले काटना भी शामिल है।
रेबीज क्या है और लक्षण?
रेबीज एक जानलेवा वायरल संक्रमण है। यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर संक्रमित जानवर के काटने से फैलता है। लक्षण दिखने में हफ्तों या महीनों लग सकते हैं। लेकिन एक बार जब वे दिखाई देते हैं, तो बीमारी लगभग हमेशा घातक होती है। शुरुआत में, रेबीज के लक्षण हल्के और फ्लू जैसे लग सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, सिरदर्द, कमजोरी और सामान्य बेचैनी हो सकती है। कुछ लोगों को काटने के घाव के पास खुजली, झुनझुनी या जलन महसूस हो सकती है।
रेबीज कितना खतरनाक
ICAR का कहना है कि रेबीज वायरस दिमाग को संक्रमित करता है। एक बार जब रेबीज वायरस दिमाग तक पहुंच जाता है और लक्षण दिखने लगते हैं, तो इस लेवल पर संक्रमण का इलाज लगभग असंभव है। कुछ दिनों के भीतर मौत हो जाती है।
रेबीज के दिमाग में पहुंचने के लक्षण
जैसे-जैसे वायरस दिमाग में फैलता है, न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखाई देते हैं। इनमें चिंता, भ्रम, आक्रामकता और निगलने में कठिनाई शामिल है। सबसे प्रसिद्ध संकेतों में से एक हाइड्रोफोबिया (पानी से डर) है। इसमें निगलना दर्दनाक हो जाता है, जिससे अत्यधिक लार बहती है। कुछ लोगों को लकवा मार जाता है या वे बहुत बेचैन हो जाते हैं। अंतिम चरण में, संक्रमण से कोमा, सांस लेने में विफलता और अंततः मृत्यु हो जाती है।
रेबीज से बचने के लिए क्या करें?

एक बार लक्षण दिखने के बाद, रेबीज का कोई इलाज नहीं है।इसलिए इससे बचाव करना ही बेहतर है।अगर आपको कोई जानवर काट ले, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। रेबीज का टीका लगवाएं। घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं। पालतू जानवरों को रेबीज का टीका लगवाएं। आवारा जानवरों से दूर रहें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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