जयपुर : राजस्थान में भारत पाक सीमा पर दुश्मनों से निपटने के लिए भारतीय सेना ने फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है। इसके तहत अब पश्चिमी राजस्थान में बॉर्डर पर सुरक्षा के लिए तीन हाईटैक अपाचे हेलीकॉप्टर की खंेप भारत में पहुंच गई हैं। इन हेलीकॉप्टर्स की तैनाती के बाद दुश्मन का परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। अपाचे हेलीकॉप्टर के तैनात होने के बाद दिन रात हर मौसम में लक्ष्य का सटीक डाटा मुहैया उपलब्ध होगा। जिससे सेना की आक्रामक क्षमताएं और भी प्रभावशाली होगी। यहीं नहीं यह हेलीकॉप्टर्स बख्तरबंद वाहनों को भी नष्ट करने में सक्षम होगा।
अमेरिका से गाजियाबाद पहुंच चुके हैं अपाचे हेलीकॉप्टर्सबता दें कि अमेरिका की तरफ से अपाचे हेलीकॉप्टर्स मई-जून 2024 तक आने थे, लेकिन यह टल गया। अब तीनों हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं। इन तीनों अटैक हेलीकॉप्टर्स को गाजियाबाद के हिडन एयरवेज पर ट्रांसपोर्ट एयरक्राप्ट के जरिए लाया गया हैं। इन तीनों हेलीकॉप्टर्स को भारतीय सेना जोधपुर में तैनात करेगी। यह हेलीकॉप्टर्स आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त हैं। जिनके भारतीय सेना में शामिल होने से सेना को मजबूती मिलेगी।
अपाचे हेलिकाॅप्टर्स नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम से लैसअपाचे हेलिकॉप्टर्स कई सुविधाओं युक्त हैं। इसमें अत्याधुनिक टारगेटिंग सिस्टम्स से लैस हैं, जो दिन-रात और हर मौसम में लक्ष्य का सटीक डेटा मुहैया कराते हैं। इनके पास नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम भी है, जिससे सेना की रात में भी आक्रामक क्षमताएं और भी प्रभावशाली होंगी। इसमें नवीनतम कम्युनिकेशन, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणालियां भी शामिल हैं। जिसके कारण सेना को और मजबूती मिलेगी।
हवा से हवा में मारने वाली मिसाइलों से युक्त है हेलिकाॅप्टर्स
जानकारी के अनुसार अपाचे कई आधुनिक तकनीकी को समेटे हुआ है। इसके कारण थल सेना में शामिल होने से सेना की हमला करने की क्षमता बढ़ेगी। युद्ध या कार्रवाई के दौरान वह दुश्मन पर तेजी से हमला कर पायेगी। अपाचे हेलीकॉप्टर में हेलफायर मिसाइल सिस्टम लगा है, जो टैंक, लेजर-गाइडेड मिसाइल और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इसके अलावा इसमें स्ट्रिंगर मिसाइल है जो हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
जानिए अपाचे हेलीकॉप्टर की क्या है और विशेषताएं
अपाचे हेलीकॉप्टर के भारतीय सेना में शामिल होने से मजबूती आई हंै। यह हेलीकॉप्टर आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त है, जो दुश्मन की हर चाल पर पैनी नजर रखकर उनका कड़ा जवाब देगी। इन हेलीकॉप्टर का सैन्य हमलों के अलावा सुरक्षा, टोही और शांति अभियानों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इनकी अधिकतम स्पीड करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार है। इसके अलावा ऑपरेशन रेंज लगभग 480 से 500 किलोमीटर हैं। साथ ही यह एक बार उड़ान भरने के साथ साढ़े तीन दिन तक हवा में रह सकता है।
अमेरिका से गाजियाबाद पहुंच चुके हैं अपाचे हेलीकॉप्टर्सबता दें कि अमेरिका की तरफ से अपाचे हेलीकॉप्टर्स मई-जून 2024 तक आने थे, लेकिन यह टल गया। अब तीनों हेलीकॉप्टर भारत पहुंच चुके हैं। इन तीनों अटैक हेलीकॉप्टर्स को गाजियाबाद के हिडन एयरवेज पर ट्रांसपोर्ट एयरक्राप्ट के जरिए लाया गया हैं। इन तीनों हेलीकॉप्टर्स को भारतीय सेना जोधपुर में तैनात करेगी। यह हेलीकॉप्टर्स आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त हैं। जिनके भारतीय सेना में शामिल होने से सेना को मजबूती मिलेगी।
अपाचे हेलिकाॅप्टर्स नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम से लैसअपाचे हेलिकॉप्टर्स कई सुविधाओं युक्त हैं। इसमें अत्याधुनिक टारगेटिंग सिस्टम्स से लैस हैं, जो दिन-रात और हर मौसम में लक्ष्य का सटीक डेटा मुहैया कराते हैं। इनके पास नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम भी है, जिससे सेना की रात में भी आक्रामक क्षमताएं और भी प्रभावशाली होंगी। इसमें नवीनतम कम्युनिकेशन, नेविगेशन, सेंसर और हथियार प्रणालियां भी शामिल हैं। जिसके कारण सेना को और मजबूती मिलेगी।
हवा से हवा में मारने वाली मिसाइलों से युक्त है हेलिकाॅप्टर्स
जानकारी के अनुसार अपाचे कई आधुनिक तकनीकी को समेटे हुआ है। इसके कारण थल सेना में शामिल होने से सेना की हमला करने की क्षमता बढ़ेगी। युद्ध या कार्रवाई के दौरान वह दुश्मन पर तेजी से हमला कर पायेगी। अपाचे हेलीकॉप्टर में हेलफायर मिसाइल सिस्टम लगा है, जो टैंक, लेजर-गाइडेड मिसाइल और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम हैं। इसके अलावा इसमें स्ट्रिंगर मिसाइल है जो हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
जानिए अपाचे हेलीकॉप्टर की क्या है और विशेषताएं
अपाचे हेलीकॉप्टर के भारतीय सेना में शामिल होने से मजबूती आई हंै। यह हेलीकॉप्टर आधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त है, जो दुश्मन की हर चाल पर पैनी नजर रखकर उनका कड़ा जवाब देगी। इन हेलीकॉप्टर का सैन्य हमलों के अलावा सुरक्षा, टोही और शांति अभियानों में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इनकी अधिकतम स्पीड करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार है। इसके अलावा ऑपरेशन रेंज लगभग 480 से 500 किलोमीटर हैं। साथ ही यह एक बार उड़ान भरने के साथ साढ़े तीन दिन तक हवा में रह सकता है।
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