जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने भीषण गर्मी से बचाव के लिए सरकारी प्रयासों को लेकर नाराजगी जाहिर की है। जस्टिस अनूप ढंढ ने इस मामले पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए राज्य और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। कोर्ट ने विशेष रूप से अफसरों के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कोर्ट जो आदेश देते हैं, अफसर उनकी पालना ही नहीं करते हैं। क्या अफसर अपने आपको न्यायालय से ऊपर समझ रहे हैं। जस्टिस ढंढ ने कहा कि पिछले गर्मियों में हाईकोर्ट ने जो आदेश दिए थे। उनकी पालना आज तक नहीं हुई। अदालत ने सभी जिला कलेक्टरों से 24 अप्रैल तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। हीट वेव से बचने के लिए क्या कर रही सरकार?जस्टिस अनूप ढंढ ने कहा कि गर्मी के तेवर तीखे होते जा रहे हैं। पश्चिमी राजस्थान के जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से पार पहुंच गया है और वहां जनजीवन प्रभावित हो रहा है। इस हीट वेव से बचने के लिए सरकार का एक्शन प्लान अभी तक सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि हमारा काम सिर्फ आंखे बंद करके देखते रहने का नहीं है। पिछले साल गर्मियों में हीट वेव से बचाव के लिए एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। 10 महीने बीतने के बावजूद अभी तक एक्शन प्लान तैयार नहीं हुआ। यह बहुत गंभीर मामला है। न्यायालय के आदेशों की अवहेलना अफसरों को महंगी पड़ सकती है। सभी कलेक्टरों को दिए निर्देश, 24 तक मांगी रिपोर्टहाईकोर्ट ने हीट वेव और जलवायु परिवर्तन पर प्रसंज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय, भारतीय मौसम विभाग, भारतीय आपदा प्रबंधन और राजस्थान के मुख्य सचिव, एसीएस होम, एसीएस वित्त और जिला कलेक्टरों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगे हैं। राज्य सरकार से पूछा गया है कि हीटवेव से बचाने के लिए क्या एक्शन प्लान बनाया और जिला कलेक्टरों से पूछा गया है कि उन्होंने क्रियान्वति के लिए क्या किया। जिला कलेक्टरों को यह भी निर्देश दिए कि वे सभी विभागों को साथ लेकर एक समन्वय समिति बनाएं। हीट स्ट्रोक के मामले एक बड़ी चुनौती हैं। राज्य सरकार को हीट वेव और हीट स्ट्रोक से मुक्त रखने के लिए सभी स्तरों पर उचित कदम उठाने की जरूरत है। जस्टिस अनूप ढंढ ने केन्द्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी, राज्य के एएजी भुवनेश शर्मा, जीएस गिल, कपिल प्रकाश माथुर, संदीप तनेजा, विज्ञान शाह सहित अधिवक्ता सुशील डागा, कुणाल जैमन और त्रिभुवन नारायण सिंह को कहा है कि वे इस मामले में अदालत को सहयोग करे। प्रचार पर ध्यान देने के साथ लोगों पर भी ध्यान दें सरकारकोर्ट ने कहा कि सरकार अपने प्रचार और विभिन्न प्रकार के समारोह पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। आए दिन कई तरह की गतिविधियों का आयोजन भी किया जाता है। सरकार को जनमानस की चिंता करते हुए इस दिशा में भी कदम उठाने चाहिए। हीट वेव रोगियों के उपचार के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर तमाम सुविधाएं प्रदान की जाएं। खुले में काम करने वाले सभी श्रमिकों, कुली, ठेला और रिक्शा चालक आदि के लिए परामर्श जारी करें ताकि उन्हें अत्यधिक गर्मी के दौरान दोपहर 12 से 3 बजे के बीच आराम करने की अनुमति दी जा सके। जस्टिस ढंढ ने कहा कि कोर्ट के आदेशों की पालना में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्य सरकार को कोर्ट के निर्देश 1. राज्य के हर जिले में सड़कों के दोनों ओर वृक्षारोपण करने पर जोर दें। साथ ही जनहित में हरित सार्वजनिक स्थान बनाए जाएं। 2. हीट और कोल्ड वेव से होने वाली मृत्यु की रोकथाम विधेयक 2015 को अधिनियम के रूप में क्रियान्वित किया जाए और उसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। 3. हीट वेव के कारण जान गंवाने वाले लोगों के आश्रितों को उचित मुआवजा राशि का भुगतान किया जाए।
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