नई दिल्ली: कथित कैश फॉर क्वेरी घोटाले में सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। सोमवार को अधिकारियों ने जो जानकारी दी, उसके मुताबिक यह मामला टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है। इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल 21 मार्च को महुआ मोइत्रा और हीरानंदानी के खिलाफ भ्रष्टाचार काननों की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज किया था, जो लोकपाल की ओर से उसे सौंपा गया था। इस मामले में महुआ मोइत्रा पर हीरानंदानी से रिश्वत लेकर और अन्य अनुचित फायदा उठाकर संसद में सवाल पूछने और अन्य भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
सीबीआई ने लोकपाल को सौंपी जांच रिपोर्ट
कथित कैश फॉर क्वेरी घोटाले में महुआ पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्ट आचरण में संलिप्त होकर 'अपने संसदीय विशेषाधिकारों के साथ समझौता किया और लोकसभा लॉगइन जानकारियां साझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला।' सीबीआई ने इसी मामले में अपनी जांच रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। अधिकारियों के मुताबिक अब लोकपाल ही इसपर आगे की कार्रवाई तय करेगा।
इस मामले में महुआ की जा चुकी है सांसदी
पिछली लोकसभा में मोइत्रा पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट का प्रतिनिधित्व कर रही थीं और उन्हें इन्हीं 'अनैतिक आचरण'के आरोपों में 2023 के दिसंबर में सदन से निष्कासित कर दिया गया था और उनकी संसद सदस्यता छीन ली गई थी। अपने इस निष्कासन को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने उसी सीट से बीजेपी की अमृता रॉय को आसानी से हरा दिया और अपनी सीट वापस हासिल कर ली।
बढ़ सकती है महुआ मोइत्रा की मुश्किल
इस मामले में भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर महुआ मोइत्रा कि खिलाफ आरोपों की शुरुआती जांच के बाद सीबीआई जांच के निर्देश जारी किए थे। बीजेपी सांसद का आरोप है कि टीएमसी एमपी ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और बेशकीमती गिफ्ट लेकर लोकसभा में सवाल पूछे। इसके पीछे असल मकसद उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाना था। अगर लोकपाल मोइत्रा को दोषी ठहराता है तो उनकी राह मुश्किल हो सकती है। (पीटीआई इनपुट के साथ)
सीबीआई ने लोकपाल को सौंपी जांच रिपोर्ट
कथित कैश फॉर क्वेरी घोटाले में महुआ पर आरोप है कि उन्होंने भ्रष्ट आचरण में संलिप्त होकर 'अपने संसदीय विशेषाधिकारों के साथ समझौता किया और लोकसभा लॉगइन जानकारियां साझा करके राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला।' सीबीआई ने इसी मामले में अपनी जांच रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। अधिकारियों के मुताबिक अब लोकपाल ही इसपर आगे की कार्रवाई तय करेगा।
इस मामले में महुआ की जा चुकी है सांसदी
पिछली लोकसभा में मोइत्रा पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट का प्रतिनिधित्व कर रही थीं और उन्हें इन्हीं 'अनैतिक आचरण'के आरोपों में 2023 के दिसंबर में सदन से निष्कासित कर दिया गया था और उनकी संसद सदस्यता छीन ली गई थी। अपने इस निष्कासन को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी थी। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने उसी सीट से बीजेपी की अमृता रॉय को आसानी से हरा दिया और अपनी सीट वापस हासिल कर ली।
बढ़ सकती है महुआ मोइत्रा की मुश्किल
इस मामले में भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत के आधार पर महुआ मोइत्रा कि खिलाफ आरोपों की शुरुआती जांच के बाद सीबीआई जांच के निर्देश जारी किए थे। बीजेपी सांसद का आरोप है कि टीएमसी एमपी ने कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और बेशकीमती गिफ्ट लेकर लोकसभा में सवाल पूछे। इसके पीछे असल मकसद उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाना था। अगर लोकपाल मोइत्रा को दोषी ठहराता है तो उनकी राह मुश्किल हो सकती है। (पीटीआई इनपुट के साथ)
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