DU Admissions 2025-26 PG Seats: दिल्ली यूनिवर्सिटी में पीजी कोर्स एडमिशन प्रक्रिया के लिए बुधवार को DU के एडमिशन ब्रांच ने स्टूडेंट्स को गाइड किया। 82 पीजी कोर्सेस की करीब 13,500 सीटों पर डीयू में एडमिशन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है। CUET PG रिजल्ट के बाद यूनिवर्सिटी ने अपना पोर्टल 17 मई को कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (CSAS) लिंक खोला था। स्टूडेंट्स 6 जून तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।CSAS में रजिस्ट्रेशन के बाद ही अलग-अलग डिपार्टमेंट/कॉलेज में सीटें अलॉट होंगी। DU के यूट्यूब चैनल पर हुए इस वेबिनार में एडमिशन ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि सीयूईटी पीजी स्कोर के आधार पर ही सभी मास्टर डिग्री कोर्स में दाखिले होंगे। जितने कोर्स स्टूडेंट्स चुनेंगे, हर कोर्स के लिए उसे रजिस्ट्रेशन फीस भरनी होगी। DU PG Admission Rules: डीन ने दी जानकारीडीयू एडमिशन डीन प्रो हनीत गांधी ने बताया कि-
- 'रेगुलर कॉलेजों/डिपार्टमेंट के अलावा नॉन कॉलिजिएट वुमंस एजुकेशन बोर्ड (NCWEB) के PG कोर्सों में भी दाखिले CSAS पोर्टल के जरिए ही होंगे। इसमें सिर्फ दिल्ली की छात्राएं ही प्रवेश ले सकती हैं।'
- 'जो पेपर स्टूडेंट्स ने CUET पीजी में दिए हैं, उसी के आधार पर कोर्स डैशबोर्ड में नजर आएंगे। स्टूडेंट्स जिन प्रोग्राम्स को चुनेंगे, उन्हीं को डीयू मेरिट लिस्ट में लेगी।'
- 'पीजी प्रोग्राम सेलेक्ट करने के बाद उनके होमपेज पर चुने गए प्रोग्राम्स नजर आएंगे। हर कोर्स के लिए 250 रुपये फीस देनी होगी। यानी दो प्रोग्राम चुनते हैं तो 500 रुपये फीस हो जाएगी। फीस देने के बाद ही रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होगी।'
- रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद CUET PG के स्कोर के आधार पर हर कोर्स के लिए मेरिट लिस्ट जारी होगी और इसी आधार पर सीटें अलॉट होंगी। मेरिट लिस्ट का शेड्यूल अभी जारी नहीं हुआ है। एडमिशन ब्रांच जल्द ही वेबसाइट पर अपलोड करेगा, यह डैशबोर्ड पर भी नजर आएगा।
- सीट अलॉट होने के बाद इसे एक्सेप्ट करने का ऑप्शन आएगा, जिसके बाद ही कॉलेज डॉक्युमेंट्स वेरिफाई करने के बाद ऑनलाइन फीस भरने का मौका देगा और दाखिला मिलेगा। अगर एक्सेप्ट क्लिक नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि उस प्रोग्राम में स्टूडेंट दाखिला नहीं चाहता और आगे के किसी भी राउंड में उस प्रोग्राम में एडमिशन का मौका नहीं मिलेगा।
- सीट मिलने के बाद जो उम्मीदवार दूसरा कॉलेज चाहते हैं, उन्हें अपग्रेड का विकल्प चुनना होगा। खाली सीटों को देखते हुए अगले राउंड में विचार किया जाएगा। अगर स्टूडेंट अपग्रेड का ऑप्शन नहीं लेता है तो पिछली सीट पर दाखिला बरकरार रहेगा। अगर स्टूडेंट को जो सीट मिली है, वो वही चाहता है, तो उसे डैशबोर्ड से सीट को 'फ्रीज' करना होगा। इसके बाद ‘अपग्रेड’ करने का मौका नहीं मिलेगा।
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