पंकज मिश्रा, हमीरपुरः उत्तर प्रदेश के हमीरपुर शहर से एक बार फिर शर्मनाक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक लाचार पिता को अपने बीमार मासूम को बचाने के लिए बंद यमुना पुल पर दौड़ना पड़ा। बच्चे को गोद में लिए पिता यमुना पुल पार करने में हांफ उठा लेकिन उसे कानपुर पहुंचने पर कोई राहत नहीं मिली। मासूम की मौत से पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। सोशल मीडिया में मासूम को गोद में लिए पिता के पुल पर दौड़ने का वीडियो यहां तेजी से वायरल हो रहा है।
हमीरपुर शहर के पटकाना मोहाल निवासी नसीम कबाड़ का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उसके पांच बच्चे है जिनमें जुनैद सबसे बड़ा बेटा था। कक्षा एक में पढ़ने वाला मासूम जुनैद को बुखार आने पर पिछले दिनों घर में रखी एक्सपायरी दवा धोखे से खिला दी गई जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन आननफान उसे इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे जहां मासूम की हालत गंभीर होने पर उसे कानपुर हैलट के लिए रेफर कर दिया गया। पड़ोसियों ने बताया कि कानपुर में बच्चे का इलाज कराने के लिए नसीम के पास फूटी कौड़ी भी नहीं थी।
पटकाना मोहाल के तमाम लोग उसकी मदद के लिए आगे आए। सभी ने चंदा कर उसे बीस हजार से ज्यादा रुपये दिए। रुपये का इंतजाम होने के बाद जुनैद मासूम को लेकर यमुना पुल पहुंचा तो मरम्मत कार्य चलने के कारण पुल पर किसी भी वाहन को एंट्री नहीं दी गई। लाचार पिता मासूम को गोद में लेकर पैदल ही पुल पर चल पड़ा। नसीम ने बताया कि पुल बंद होने के दौरान यदि एम्बुलेंस सेवाओं के आने जाने पर रोक नहीं होती तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी। बता दे कि इससे पहले भी पुल बंद होने के दौरान कई मरीजों की समय से कानपुर न पहुंचने पर मौत हो चुकी है।
नौ सौ मीटर दौड़कर पिता ने पुल किया पार, फिर भी नहीं मिली राहत
बीमार बच्चे को गोद में लिए नसीम बंद यमुना पुल पर पैदल ही चला। जल्दी कानपुर पहुंचने के चक्कर में वह बीच-बीच में पुल पर खूब दौड़ा। उसने किसी तरह से पुल पार करने के बाद साधन मिलने पर कानपुर पहंचा जहां इलाज के लिए उसे अच्छे अस्पताल में एंट्री नही मिली। परेशान पिता ने आखिर में बच्चे को लेकर हैलट पहुंचा जहां डाँक्टर बच्चे को नहीं बचा सके।
मासूम गोद लिए पिता के पुल पर दौड़ने का वीडियो इंटरनेट पर वायरल
बीमार मासूम गोद लिए पिता के बंद यमुना पुल पर दौड़ने का वीडियो यहां सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। पुल पर एक लाचार पिता की बेबशी देख राहगीरों की आंखें भी भर आई। समय से कानपुर न पहुंचने के कारण पिता को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। बच्चे की मौत से परिजन बदहवाश है। बता दे कि यमुना पुल बंद होने के कारण अब तक चार लोग मर चुके है
हमीरपुर शहर के पटकाना मोहाल निवासी नसीम कबाड़ का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण करता है। उसके पांच बच्चे है जिनमें जुनैद सबसे बड़ा बेटा था। कक्षा एक में पढ़ने वाला मासूम जुनैद को बुखार आने पर पिछले दिनों घर में रखी एक्सपायरी दवा धोखे से खिला दी गई जिससे उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन आननफान उसे इलाज कराने के लिए सदर अस्पताल पहुंचे जहां मासूम की हालत गंभीर होने पर उसे कानपुर हैलट के लिए रेफर कर दिया गया। पड़ोसियों ने बताया कि कानपुर में बच्चे का इलाज कराने के लिए नसीम के पास फूटी कौड़ी भी नहीं थी।
पटकाना मोहाल के तमाम लोग उसकी मदद के लिए आगे आए। सभी ने चंदा कर उसे बीस हजार से ज्यादा रुपये दिए। रुपये का इंतजाम होने के बाद जुनैद मासूम को लेकर यमुना पुल पहुंचा तो मरम्मत कार्य चलने के कारण पुल पर किसी भी वाहन को एंट्री नहीं दी गई। लाचार पिता मासूम को गोद में लेकर पैदल ही पुल पर चल पड़ा। नसीम ने बताया कि पुल बंद होने के दौरान यदि एम्बुलेंस सेवाओं के आने जाने पर रोक नहीं होती तो शायद बच्चे की जान बच सकती थी। बता दे कि इससे पहले भी पुल बंद होने के दौरान कई मरीजों की समय से कानपुर न पहुंचने पर मौत हो चुकी है।
नौ सौ मीटर दौड़कर पिता ने पुल किया पार, फिर भी नहीं मिली राहत
बीमार बच्चे को गोद में लिए नसीम बंद यमुना पुल पर पैदल ही चला। जल्दी कानपुर पहुंचने के चक्कर में वह बीच-बीच में पुल पर खूब दौड़ा। उसने किसी तरह से पुल पार करने के बाद साधन मिलने पर कानपुर पहंचा जहां इलाज के लिए उसे अच्छे अस्पताल में एंट्री नही मिली। परेशान पिता ने आखिर में बच्चे को लेकर हैलट पहुंचा जहां डाँक्टर बच्चे को नहीं बचा सके।
मासूम गोद लिए पिता के पुल पर दौड़ने का वीडियो इंटरनेट पर वायरल
बीमार मासूम गोद लिए पिता के बंद यमुना पुल पर दौड़ने का वीडियो यहां सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। पुल पर एक लाचार पिता की बेबशी देख राहगीरों की आंखें भी भर आई। समय से कानपुर न पहुंचने के कारण पिता को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। बच्चे की मौत से परिजन बदहवाश है। बता दे कि यमुना पुल बंद होने के कारण अब तक चार लोग मर चुके है
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