नई दिल्ली: इंग्लैंड में चल रही वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) में भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मुकाबला रद्द होने के बाद विवाद गहरा गया है। भारत, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, वेस्टइंडीज, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की सेवानिवृत्त क्रिकेटरों की टीमें इस लीग में हिस्सा ले रही हैं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी, जो इस लीग का हिस्सा हैं, ने भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार करने पर नाराजगी व्यक्त की है। यह बात शाहिद अफरीदी को नहीं पची और वह चिढ़ गए। अफरीदी ने बयान दिया है कि अगर भारत को खेलना ही नहीं था तो उन्हें टूर्नामेंट में आना ही नहीं चाहिए था। हालांकि, उनकी यह टिप्पणी भारतीय प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों को नागवार गुजरी है, खासकर पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद।
पहलगाम हमला और 'ऑपरेशन सिंदूर' का जवाब
अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। भारत ने इस 'गिरी हुई हरकत' का करारा जवाब 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत दिया, जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह कर दिया गया। पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, लेकिन भारतीय सेना ने हवा में ही उनके ड्रोन हमलों को विफल कर दिया।
चंद पैसों के लिए बेची गई 'ईमानदारी' पर सवाल
आश्चर्य की बात यह है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद, कुछ पाकिस्तानी हस्तियां, जिनमें शाहिद अफरीदी भी शामिल थे, अपने देश में 'जीत' का जश्न मना रहे थे और उन्होंने 'विक्ट्री परेड' भी निकाली थी। अब उन्हीं शाहिद अफरीदी का भारतीय खिलाड़ियों पर यह टिप्पणी करना कि उन्हें नहीं खेलना था तो आना ही नहीं चाहिए था, कई सवाल खड़े करता है।
WCL के सहमालिक कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन हैं, और लीग के सीईओ और संस्थापक भी एक भारतीय, हर्षित तोमर हैं। ऐसे में अफरीदी का 'चंद पैसों के लिए' एक भारतीयप्रवर्तित लीग में खेलने आना और फिर उन्हीं भारतीय खिलाड़ियों पर उंगली उठाना, उनकी 'ईमानदारी' पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
भारत के लिए गर्व: पाकिस्तान के साथ खेलने से मना किया
भारतीय क्रिकेटरों ने देश की भावनाओं और सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना कर दिया, जिसके बाद हरभजन सिंह, युसूफ पठान, इरफान पठान, सुरेश रैना और शिखर धवन सहित कई खिलाड़ियों ने मैच से अपना नाम वापस ले लिया। अंततः सार्वजनिक आक्रोश और खिलाड़ियों के हटने के कारण आयोजकों को यह मैच रद्द करना पड़ा।
शाहिद अफरीदी को गिरेबान में झकाना चाहिए
इस घटना के बाद, शाहिद अफरीदी को किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से पहले 'अपने गिरेबान में झांकना चाहिए' और यह सोचना चाहिए कि कौन कितनी 'गिरी हुई हरकत' कर रहा है। देशभक्ति और खेल भावना के बीच व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता देने का उनका यह रवैया निश्चित रूप से सवालों के घेरे में है।
पहलगाम हमला और 'ऑपरेशन सिंदूर' का जवाब
अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। भारत ने इस 'गिरी हुई हरकत' का करारा जवाब 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत दिया, जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक तबाह कर दिया गया। पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, लेकिन भारतीय सेना ने हवा में ही उनके ड्रोन हमलों को विफल कर दिया।
चंद पैसों के लिए बेची गई 'ईमानदारी' पर सवाल
आश्चर्य की बात यह है कि इस गंभीर स्थिति के बावजूद, कुछ पाकिस्तानी हस्तियां, जिनमें शाहिद अफरीदी भी शामिल थे, अपने देश में 'जीत' का जश्न मना रहे थे और उन्होंने 'विक्ट्री परेड' भी निकाली थी। अब उन्हीं शाहिद अफरीदी का भारतीय खिलाड़ियों पर यह टिप्पणी करना कि उन्हें नहीं खेलना था तो आना ही नहीं चाहिए था, कई सवाल खड़े करता है।
WCL के सहमालिक कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन हैं, और लीग के सीईओ और संस्थापक भी एक भारतीय, हर्षित तोमर हैं। ऐसे में अफरीदी का 'चंद पैसों के लिए' एक भारतीयप्रवर्तित लीग में खेलने आना और फिर उन्हीं भारतीय खिलाड़ियों पर उंगली उठाना, उनकी 'ईमानदारी' पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
भारत के लिए गर्व: पाकिस्तान के साथ खेलने से मना किया
भारतीय क्रिकेटरों ने देश की भावनाओं और सुरक्षा चिंताओं का सम्मान करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना कर दिया, जिसके बाद हरभजन सिंह, युसूफ पठान, इरफान पठान, सुरेश रैना और शिखर धवन सहित कई खिलाड़ियों ने मैच से अपना नाम वापस ले लिया। अंततः सार्वजनिक आक्रोश और खिलाड़ियों के हटने के कारण आयोजकों को यह मैच रद्द करना पड़ा।
शाहिद अफरीदी को गिरेबान में झकाना चाहिए
इस घटना के बाद, शाहिद अफरीदी को किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से पहले 'अपने गिरेबान में झांकना चाहिए' और यह सोचना चाहिए कि कौन कितनी 'गिरी हुई हरकत' कर रहा है। देशभक्ति और खेल भावना के बीच व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता देने का उनका यह रवैया निश्चित रूप से सवालों के घेरे में है।
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