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अमेरिका के भीषण हमलों के बीच यमन के हूतियों ने दिखाई अकड़, सऊदी अरब और यूएई को खुली धमकी

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सना: अमेरिका के हवाई हमलों का सामना कर रहे यमन के हूती विद्रोहियों ने कहा है कि वह दुश्मन से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हूतियों ने कहा है कि वे जमीनी स्तर पर हो रहे बदलावों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और हर तरह की स्थिति के लिए तैयारी कर रहे हैं। हूतियों की नजर पश्चिम एशिया में अमेरिका के सहयोगी सऊदी अरब और यूएई पर भी है। हूतियों को अंदेशा है कि सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) यमन में हस्तक्षेप कर सकते हैं। ऐसे में हूतियों ने इन दोनों देशों को भी चेताया है। न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी और यूएई ने एक दशक पहले हूतियों के खिलाफ अभियान चलाया था। ये तब हुआ था, जब हूतियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त यमनी सरकार को राजधानी से बेदखल कर दिया था। सरकार का समर्थन करने के लिए दोनों देशों ने हूतियों के खिलाफ अभियान चलाया था। गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद फिर हालात बदले हैं। हूतियों ने लाल सागर में इजरायल और अमेरिका के जहाजों पर हमले किए हैं। इसके जवाब में अमेरिका ने यमन में भीषण बमबारी की है। इस घटनाक्रम से सऊदी और यूएई ने अभी तक दूरी बनाकर रखी है लेकिन हूतियों को इन दोनों देशों के यमन पर सैन्य कार्रवाई का डर है। ऐसे में हूतियों ने चेतावनी दी है कि अगर सऊदी और यूएई ने ऐसा किया तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यमन के बड़े हिस्से पर हूतियों का कब्जायमन के एक तिहाई हिस्से और 80 प्रतिशत आबादी पर फिलहाल हूतियों का नियंत्रण है। हूतियों की सुप्रीम पॉलिटिकल काउंसिल राजधानी सना में है। दूसरी ओर सरकार है, जो दक्षिण में अदन शहर से काम करती है। यमनी सरकार का प्रतिनिधित्व राष्ट्रपति नेतृत्व परिषद करती है। इसमें कई पार्टियां शामिल हैं, जिनमें यूएई समर्थित अलगाववादी दक्षिणी संक्रमणकालीन परिषद भी शामिल है।एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने न्यूजवीक को बताया कि उनके पास इस विषय पर प्रदान करने के लिए कुछ भी नहीं है। अमेरिका ने हूतियों को भारी नुकसान होने की बात कही है। वहीं हूतियों ने अपने नेताओं के मारे जाने या अपनी क्षमताओं को भारी नुकसान होने की खबरों को खारिज कर दिया है। हूतियों से जुड़े सूत्र ने कहा कि अमेरिकी हमलों से ऐसा नुकसान नहीं हुआ है कि हमारी गतिविधियां प्रभावित हों।न्यूजवीक से हूती सूत्र ने कहा कि हम अल्लाह के हुक्म पर ये लड़ाई लड़ रहे हैं। हम इस लड़ाई को गाजा में कुचले जा रहे मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए एक पवित्र काम मानते हैं। गाजा में जो हो रहा है, उस पर चुप रहने हमें स्वीकार नहीं है, चाहे इसकी कीमत कुछ भी हो। गाजा में युद्ध रोकना ही इस लड़ाई को रोकने इसका सबसे अच्छा समाधान है।
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