नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सैन्य कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। पूरा ऑपरेशन महज 22 मिनट में समाप्त हो गया। हमने आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारा। सेना ने हमारी माताओं और सिंदूर का बदला लिया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने यह कार्रवाई क्यों रोक दी। दरअसल, इस ऑपरेशन को लेकर अमेरिका ने मध्यस्थता का दावा किया था। वहीं, विपक्षी दलों ने भी यह आरोप लगाया था कि भारत ने अमेरिकी दबाव में आकर यह ऑपरेशन रोक दिया था। जानते हैं कि राजनाथ सिंह ने इस बारे में क्या बताया।
हमारी सेना ने आधी रात को सबूत जुटाए और फिर...
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सेना की यह कार्रवाई सिंदूर की लाली और शौर्य की कहानी है, भारत के मस्तक पर वीरता की निशानी है। सेनाओं ने अंधेरी रात होने के बाद भी साक्ष्य जुटाए। हमले के कुछ देर बाद ही इन्हें जनता की जानकारी के लिए जारी कर दिया गया था।
कहां किस ओर निशाना बनाया, पाकिस्तान को दिया संदेश
भारतीय वायुसेना ने पश्चिम मोर्चे पर पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। हमारी सेनाओं ने चकलाला, सरगोधा, रफीकी, रहीम यार खान जैसे बड़े एयर बेस पर प्रहार किया। पूरी दुनिया ने भारतीय वायुसेना के शौर्य और बहादुरी की तस्वीर देखी। तीनों सेनाओं ने मिलकर ऑपरेशन सिंदूर। वायुसेना ने आसमान से हमले किए, थलसेना ने जमीन पर मोर्चा संभाल लिया और पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया। भारतीय नौसेना ने भी उत्तरी अरब सागर में अपनी तैनाती मजबूत कर दी। पाकिस्तान को यह साफ संदेश दिया कि हम समुद्र से लेकर जमीन तक पाकिस्तान के हर अहम ठिकानों पर प्रहार करने में हम सक्षम हैं।
इसलिए रोकी गई भारतीय सेना की कार्रवाई
भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि संघर्ष के दौरान जो भी लक्ष्य तय किए गए थे उसे पूरी तरह से मान लिए थे। उसे हम पूरी तरह से हासिल कर चुके थे, इसलिए यह मानना की ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया था ये बिल्कुल बेबुनियाद है। दरअसल, ट्रंप ने अचानक यह दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान से इस बारे में बात की और दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए हैं।
जब ट्रंप ने अचानक आकर कहा, भारत-पाक में सीजफायर
दरअसल, जब 7 मई से 13 मई तक ऑपरेशन सिंदूर चल रहा था तो उस वक्त अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आकर यह ऐलान कर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हो गया है। ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का दावा भी किया था, जिसका भारत कई मंचों से खंडन कर चुका है। भारत की यह शुरू से नीति रही है कि वह दो पक्षों के बीच किसी तीसरे की मध्यस्थता से खारिज करता रहा है।
पाकिस्तान ने की चिरौरी तब जाकर भारत माना
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सदन को फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि अपने राजनीतिक जीवन में जान बूझकर कभी भी असत्य न बोलूं इसकी भरपूर कोशिश की है। मैं कहना चाहता हूं कि भारतीय वायुसेना ने जब पाकिस्तान पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मार ली। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने कहा महाराज बहुत हो गया अब रोक दीजिए।
ऐसे हुआ युद्धविराम, जान लीजिए पूरी बात
राजनाथ ने कहा कि 10 मई की सुबह जब भारतीय वायुसेना ने कई एयरबेस पर करारा प्रहार किया तो पाकिस्तान ने हार मान लिया। यह पेशकश इस कैविएट के साथ माना गया है कि ऑपरेशन सिंदूर को रोका गया है, अगर पाकिस्तान की ओर से भविष्य में फिर से कोई मिसएडवेंचर हुआ तो यह ऑपरेशन फिर से प्रारंभ होगा। भारतीय वायुसेना के जबरदस्त हमलों, थलसेना की मजबूत जवाबी कार्रवाई और नौसेना के हमलों से पाकिस्तान को छिपने को मजबूर कर दिया। यह पाकिस्तान के सैन्य बल और मनोबल दोनों की हार थी। 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से संपर्क किया और सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की। 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई और फिर दोनों देशों ने विराम लगाने का ऐलान किया।
हमारी सेना ने आधी रात को सबूत जुटाए और फिर...
राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि सेना की यह कार्रवाई सिंदूर की लाली और शौर्य की कहानी है, भारत के मस्तक पर वीरता की निशानी है। सेनाओं ने अंधेरी रात होने के बाद भी साक्ष्य जुटाए। हमले के कुछ देर बाद ही इन्हें जनता की जानकारी के लिए जारी कर दिया गया था।
कहां किस ओर निशाना बनाया, पाकिस्तान को दिया संदेश
भारतीय वायुसेना ने पश्चिम मोर्चे पर पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया। हमारी सेनाओं ने चकलाला, सरगोधा, रफीकी, रहीम यार खान जैसे बड़े एयर बेस पर प्रहार किया। पूरी दुनिया ने भारतीय वायुसेना के शौर्य और बहादुरी की तस्वीर देखी। तीनों सेनाओं ने मिलकर ऑपरेशन सिंदूर। वायुसेना ने आसमान से हमले किए, थलसेना ने जमीन पर मोर्चा संभाल लिया और पाकिस्तान की हर हरकत का करारा जवाब दिया। भारतीय नौसेना ने भी उत्तरी अरब सागर में अपनी तैनाती मजबूत कर दी। पाकिस्तान को यह साफ संदेश दिया कि हम समुद्र से लेकर जमीन तक पाकिस्तान के हर अहम ठिकानों पर प्रहार करने में हम सक्षम हैं।
इसलिए रोकी गई भारतीय सेना की कार्रवाई
भारत ने कार्रवाई इसलिए रोकी क्योंकि संघर्ष के दौरान जो भी लक्ष्य तय किए गए थे उसे पूरी तरह से मान लिए थे। उसे हम पूरी तरह से हासिल कर चुके थे, इसलिए यह मानना की ऑपरेशन किसी दबाव में रोका गया था ये बिल्कुल बेबुनियाद है। दरअसल, ट्रंप ने अचानक यह दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान से इस बारे में बात की और दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए हैं।
जब ट्रंप ने अचानक आकर कहा, भारत-पाक में सीजफायर
दरअसल, जब 7 मई से 13 मई तक ऑपरेशन सिंदूर चल रहा था तो उस वक्त अचानक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आकर यह ऐलान कर दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हो गया है। ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता का दावा भी किया था, जिसका भारत कई मंचों से खंडन कर चुका है। भारत की यह शुरू से नीति रही है कि वह दो पक्षों के बीच किसी तीसरे की मध्यस्थता से खारिज करता रहा है।
पाकिस्तान ने की चिरौरी तब जाकर भारत माना
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सदन को फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि अपने राजनीतिक जीवन में जान बूझकर कभी भी असत्य न बोलूं इसकी भरपूर कोशिश की है। मैं कहना चाहता हूं कि भारतीय वायुसेना ने जब पाकिस्तान पर करारा हमला किया तो पाकिस्तान ने हार मार ली। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने कहा महाराज बहुत हो गया अब रोक दीजिए।
ऐसे हुआ युद्धविराम, जान लीजिए पूरी बात
राजनाथ ने कहा कि 10 मई की सुबह जब भारतीय वायुसेना ने कई एयरबेस पर करारा प्रहार किया तो पाकिस्तान ने हार मान लिया। यह पेशकश इस कैविएट के साथ माना गया है कि ऑपरेशन सिंदूर को रोका गया है, अगर पाकिस्तान की ओर से भविष्य में फिर से कोई मिसएडवेंचर हुआ तो यह ऑपरेशन फिर से प्रारंभ होगा। भारतीय वायुसेना के जबरदस्त हमलों, थलसेना की मजबूत जवाबी कार्रवाई और नौसेना के हमलों से पाकिस्तान को छिपने को मजबूर कर दिया। यह पाकिस्तान के सैन्य बल और मनोबल दोनों की हार थी। 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से संपर्क किया और सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की। 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच बातचीत हुई और फिर दोनों देशों ने विराम लगाने का ऐलान किया।
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