सीतापुर: उत्तर प्रदेश के सीतापुर में गुरुवार की सुबह पुलिस और एसटीएफ ने जिन दो बदमाशों को ढेर किया, उनकी तलाश पांच महीनों से जारी थी। 8 मार्च को बाइक सवार शूटरों ने पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी को बीच रास्ते रोककर तड़ातड़ गोलियां बरसाकर मार दिया था। पत्रकार के हत्या की साजिश कारेदेव बाबा मंदिर के पुजारी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर ने रची थी। शिवानंद बाबा सहित 3 आरोपी जेल में हैं। मारे गए दोनों शूटर हिंदू और मुस्लिम पहचान वाले सगे भाई थे।
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों संजय तिवारी उर्फ अकील और राजू तिवारी उर्फ रिजवान को पुलि और STF ने गुरुवार तड़के पिसावां थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। ये दोनों मिश्रिख थाना क्षेत्र के अटवा गांव के रहने वाले थे। दोनों सगे भाई थे। उनकी मां हिंदू हैं, जबकि पिता मुस्लिम हैं। दोनों ने 4 लाख रुपये में पत्रकार की सुपारी ली थी।
शिवानंद बाबा के गंदे काम में गई जान
दरअसल इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर है। कबूलनामे में उसने पुलिस को बताया था कि मंदिर में आने जाने के दौरान पत्रकार राघवेंद्र से दोस्ती हुई। कांड से कुछ महीने पहले राघवेंद्र बाजपेई ने बाबा को आपत्तिजनक हालत में देखकर फोटो खींच ली थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार ने इस चीज को दबाने के लिए 20 लाख रुपए की मांग की थी।
बाबा के साथी गाजी और निर्मल
सुलह नहीं होने पर बाबा ने अपने मंदिर में आने वाले साथी असलम गाजी और निर्मल सिंह के साथ शूटरों को 4 लाख की सुपारी दी। लगातार शूटरों की खोजबीन कर रहे आध्यात्मिक गुरु का किसी के माध्यम से शूटरों से संपर्क हो गया। पैसे के लेन-देन की बात तय हुई फिर एक शख्स राघवेंद्र की रैकी में लगा। 8 मार्च को घर से निकलते वक्त रेकी करने वाले ने शूटरों को राघवेंद्र की लोकेशन दी। नेरी ओवरब्रिज पार करते समय शूटरों ने अपनी बाइक राघवेंद्र की बाइक के आगे लगाकर उसे रोका।
फुल प्लानिंग से की हत्या
कुछ सेकेंड बात करने के बाद राघवेंद्र अपनी मोटरसाइकिल की तरफ मुड़े ही थे, तभी एक शूटर ने पहली गोली उनकी पीठ पर मारी। दूसरी गले और फिर कनपटी सहित चार गोलियां दागने के बाद बाइक सवार शूटर मौके से फरार हो गए। सीसटीवी फुटेज में दिखी बाइक पहचान में आ चुकी है। गोलियां दागने वाले शूटर्स पुलिस की रडार पर है। सीतापुर पुलिस किसी भी वक्त शूटरों के गिरेबान तक पहुंच सकती है। इस सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर पूरे प्रदेश में उबाल था।
पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई हत्याकांड के दो मुख्य आरोपियों संजय तिवारी उर्फ अकील और राजू तिवारी उर्फ रिजवान को पुलि और STF ने गुरुवार तड़के पिसावां थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मार गिराया। दोनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। ये दोनों मिश्रिख थाना क्षेत्र के अटवा गांव के रहने वाले थे। दोनों सगे भाई थे। उनकी मां हिंदू हैं, जबकि पिता मुस्लिम हैं। दोनों ने 4 लाख रुपये में पत्रकार की सुपारी ली थी।
सीतापुर पत्रकार हत्याकांड के आरोपी शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद पुलिस ने दी जानकारी। pic.twitter.com/hfLFzIf2Hs
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) August 7, 2025
शिवानंद बाबा के गंदे काम में गई जान
दरअसल इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी शिवानंद बाबा उर्फ विकास राठौर है। कबूलनामे में उसने पुलिस को बताया था कि मंदिर में आने जाने के दौरान पत्रकार राघवेंद्र से दोस्ती हुई। कांड से कुछ महीने पहले राघवेंद्र बाजपेई ने बाबा को आपत्तिजनक हालत में देखकर फोटो खींच ली थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पत्रकार ने इस चीज को दबाने के लिए 20 लाख रुपए की मांग की थी।
बाबा के साथी गाजी और निर्मल
सुलह नहीं होने पर बाबा ने अपने मंदिर में आने वाले साथी असलम गाजी और निर्मल सिंह के साथ शूटरों को 4 लाख की सुपारी दी। लगातार शूटरों की खोजबीन कर रहे आध्यात्मिक गुरु का किसी के माध्यम से शूटरों से संपर्क हो गया। पैसे के लेन-देन की बात तय हुई फिर एक शख्स राघवेंद्र की रैकी में लगा। 8 मार्च को घर से निकलते वक्त रेकी करने वाले ने शूटरों को राघवेंद्र की लोकेशन दी। नेरी ओवरब्रिज पार करते समय शूटरों ने अपनी बाइक राघवेंद्र की बाइक के आगे लगाकर उसे रोका।
फुल प्लानिंग से की हत्या
कुछ सेकेंड बात करने के बाद राघवेंद्र अपनी मोटरसाइकिल की तरफ मुड़े ही थे, तभी एक शूटर ने पहली गोली उनकी पीठ पर मारी। दूसरी गले और फिर कनपटी सहित चार गोलियां दागने के बाद बाइक सवार शूटर मौके से फरार हो गए। सीसटीवी फुटेज में दिखी बाइक पहचान में आ चुकी है। गोलियां दागने वाले शूटर्स पुलिस की रडार पर है। सीतापुर पुलिस किसी भी वक्त शूटरों के गिरेबान तक पहुंच सकती है। इस सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर पूरे प्रदेश में उबाल था।
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