अनुराग श्रीवास्तव, लखनऊ: इंडियन ओवरसीज बैंक के लॉकरों से चोरी हुए करोड़ों रुपये कीमत की जूलरी के मामले में चिनहट पुलिस उपभोक्ताओं को संतुष्ट नहीं कर पाई है। पुलिस ने दावा किया था चोरी के जेवरों की सौ फीसदी रिकवरी हो गई है। बुधवार को जूलरी की शिनाख्त करने के बाद पीड़ित उपभोक्ताओं ने बताया कि कुछ परसेंट ही गहने मिले हैं। कई उपभोक्ताओं को अपने गहने नजर ही नहीं आए हैं। अब पुलिस अगले महीने दोबारा गहनों की शिनाख्त करवाएगी।
चिनहट मटियारी इलाके में स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा में 21 दिसंबर 2024 की रात सेंध लगाकर घुसे चोरों ने 41 लॉकर काटकर करोड़ों के जेवर पार कर दिए थे। इस मामले में पुलिस ने दो चोरों को मुठभेड़ में मार गिराया था, जबकि उनके पांच साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने दावा किया था कि चोरी हुए गहनों को सौ फीसदी रिकवरी हुई है। चोरी हुए गहनों की आस में पीड़ित सात महीने से कोर्ट, पुलिस और बैंक अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे। कोर्ट के आदेश पर बुधवार को पीड़ितों को चिनहट थाने में गहनों की शिनाख्त करवाई गई।
पुलिस की कार्रवाई से पीड़ित बैंक उपभोक्ता असंतुष्ट नजर आए। किसी उपभोक्ता का कहना था कि उन्हें महज 30 फीसदी अपने गहने नजर आए, तो किसी ने बताया कि पुलिस की तरफ से दिखाए गए गहनों में उनकी जूलरी नहीं दिखी। कई उपभोक्ताओं ने दावा कि उनकी 70 प्रतिशत जूलरी मिल गई है। कुछ उपभोक्ता शहर से बाहर और विदेश में होने की वजह से गहनों की शिनाख्त करने नहीं पहुंच सके। एडीसीपी पूर्वी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर उपभोक्ताओं को दोबारा बुलाकर गहनों की फिर से शिनाख्त करवाई जाएगी।
थाने में 16 घंटे भूखे-प्यासे बैठे रहे उपभोक्ता
पीड़ित महिला उपभोक्ता ज्योति ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बुधवार सुबह 10 बजे चिनहट थाने में बुला लिया था। 78 लॉकर के उपभोक्ताओं के जेवर की शिनाख्त करनी थी। उनका लॉकर नंबर 71 है। पीड़ित के मुताबिक गुरुवार सुबह 3:10 मिनट पर उनका नंबर आया था, जिसके बाद 7 उपभोक्ता अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 16 घंटे तक थाने में भूखा प्यासा बैठना पड़ा।
बाकी जेवर मिलने की उम्मीद नहीं
हरिहर नगर में रहने वाले प्रतीक श्रीवास्तव पत्नी संस्कृति के साथ गुरुग्राम में रहकर निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। बुधवार को उनकी पत्नी चिनहट थाने गहनों की शिनाख्त करने पहुंची थीं। प्रतीक के मुताबिक बैंक के लॉकर में उनका पुश्तैनी और पत्नी की शादी का करीब 60 लाख रुपये कीमत के गहने रखे थे, जिनकी मौजूदा कीमत तकरीबन एक करोड़ रुपये है। शिनाख्त के दौरान डायमंड सेट की रिंग, कान की बाली और एक चेन नजर आई है। जिसकी कीमत करीब ढाई लाख रुपये है, लेकिन बाकी जेवर नहीं दिखे।
भारी गहनों के सेट नहीं दिखे
मोहनलालगंज के तिवारीगंज निवासी पशुपालन विभाग में अधिकारी आनंद कुमार श्रीवास्तव की पत्नी ज्योति ने बताया कि बैंक के लॉकर में करीब 20 लाख के गहने रखे थे। शिनाख्त में भारी गहनों के सेट, मंगल सूत्र, बच्चों के जेवर नहीं नजर आए। एक उपभोक्ता का एक भी गहना नहीं मिला। पुलिस ने सभी बॉक्स दिखा दिए हैं, अब जेवर मिलना मुश्किल है।
आपस में उलझे थे गहने, शिनाख्त में हुई दिक्कत
चिनहट कमता की आनंद लोक कॉलोनी निवासी विकास महाजन की पत्नी रुची ने बताया कि उन्हें न के बराबर गहने मिले हैं। जबकि लॉकर में मेरी शादी और सास के गहने रखे थे। पुलिस ने कॉपरेट किया, लेकिन गहने आपस में उलझे हुए थे, जिसकी वजह से शिनाख्त करने में दिक्कत हुई। लॉकर में कई अहम कागज रखे हुए थे, जो नहीं मिले।
करोड़ों के गहने चोरी, मिले दस फीसदी
सिद्धार्थनगर के पूर्व विधायक चौधरी रविंद्र प्रताप पत्नी लक्ष्मी के साथ चिनहट कमता में रहते हैं। लक्ष्मी गहनों की शिनाख्त करने गई थीं। पीड़ित ने बताया कि दो लॉकरों में 40 लाख रुपये कैश और आज के कीमत के करीब चार करोड़ रुपये कीमत के गहने रखे थे, लेकिन महज दस फीसदी गहने ही मिल सके हैं। बकाया गहने बरामद करने की पुलिस से गुजारिश की जाएगी।
पुलिस के पास अब गहने नहीं
इंदिरानगर निवासी नीरज मिश्र पत्नी अंकिता के साथ गहनों की पहचान करने गए थे। उन्होंने बताया कि करीब 13 लाख रुपये कीमत के गहने लॉकर में रखे थे। शिनाख्त के दौरान उन्हें चांदी की पायलें और एक सोने की चेन मिली है। पुलिस के पास अब गहने नहीं हैं।
चिनहट मटियारी इलाके में स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक की शाखा में 21 दिसंबर 2024 की रात सेंध लगाकर घुसे चोरों ने 41 लॉकर काटकर करोड़ों के जेवर पार कर दिए थे। इस मामले में पुलिस ने दो चोरों को मुठभेड़ में मार गिराया था, जबकि उनके पांच साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने दावा किया था कि चोरी हुए गहनों को सौ फीसदी रिकवरी हुई है। चोरी हुए गहनों की आस में पीड़ित सात महीने से कोर्ट, पुलिस और बैंक अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे। कोर्ट के आदेश पर बुधवार को पीड़ितों को चिनहट थाने में गहनों की शिनाख्त करवाई गई।
पुलिस की कार्रवाई से पीड़ित बैंक उपभोक्ता असंतुष्ट नजर आए। किसी उपभोक्ता का कहना था कि उन्हें महज 30 फीसदी अपने गहने नजर आए, तो किसी ने बताया कि पुलिस की तरफ से दिखाए गए गहनों में उनकी जूलरी नहीं दिखी। कई उपभोक्ताओं ने दावा कि उनकी 70 प्रतिशत जूलरी मिल गई है। कुछ उपभोक्ता शहर से बाहर और विदेश में होने की वजह से गहनों की शिनाख्त करने नहीं पहुंच सके। एडीसीपी पूर्वी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर उपभोक्ताओं को दोबारा बुलाकर गहनों की फिर से शिनाख्त करवाई जाएगी।
थाने में 16 घंटे भूखे-प्यासे बैठे रहे उपभोक्ता
पीड़ित महिला उपभोक्ता ज्योति ने बताया कि पुलिस ने उन्हें बुधवार सुबह 10 बजे चिनहट थाने में बुला लिया था। 78 लॉकर के उपभोक्ताओं के जेवर की शिनाख्त करनी थी। उनका लॉकर नंबर 71 है। पीड़ित के मुताबिक गुरुवार सुबह 3:10 मिनट पर उनका नंबर आया था, जिसके बाद 7 उपभोक्ता अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने बताया कि 16 घंटे तक थाने में भूखा प्यासा बैठना पड़ा।
बाकी जेवर मिलने की उम्मीद नहीं
हरिहर नगर में रहने वाले प्रतीक श्रीवास्तव पत्नी संस्कृति के साथ गुरुग्राम में रहकर निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। बुधवार को उनकी पत्नी चिनहट थाने गहनों की शिनाख्त करने पहुंची थीं। प्रतीक के मुताबिक बैंक के लॉकर में उनका पुश्तैनी और पत्नी की शादी का करीब 60 लाख रुपये कीमत के गहने रखे थे, जिनकी मौजूदा कीमत तकरीबन एक करोड़ रुपये है। शिनाख्त के दौरान डायमंड सेट की रिंग, कान की बाली और एक चेन नजर आई है। जिसकी कीमत करीब ढाई लाख रुपये है, लेकिन बाकी जेवर नहीं दिखे।
भारी गहनों के सेट नहीं दिखे
मोहनलालगंज के तिवारीगंज निवासी पशुपालन विभाग में अधिकारी आनंद कुमार श्रीवास्तव की पत्नी ज्योति ने बताया कि बैंक के लॉकर में करीब 20 लाख के गहने रखे थे। शिनाख्त में भारी गहनों के सेट, मंगल सूत्र, बच्चों के जेवर नहीं नजर आए। एक उपभोक्ता का एक भी गहना नहीं मिला। पुलिस ने सभी बॉक्स दिखा दिए हैं, अब जेवर मिलना मुश्किल है।
आपस में उलझे थे गहने, शिनाख्त में हुई दिक्कत
चिनहट कमता की आनंद लोक कॉलोनी निवासी विकास महाजन की पत्नी रुची ने बताया कि उन्हें न के बराबर गहने मिले हैं। जबकि लॉकर में मेरी शादी और सास के गहने रखे थे। पुलिस ने कॉपरेट किया, लेकिन गहने आपस में उलझे हुए थे, जिसकी वजह से शिनाख्त करने में दिक्कत हुई। लॉकर में कई अहम कागज रखे हुए थे, जो नहीं मिले।
करोड़ों के गहने चोरी, मिले दस फीसदी
सिद्धार्थनगर के पूर्व विधायक चौधरी रविंद्र प्रताप पत्नी लक्ष्मी के साथ चिनहट कमता में रहते हैं। लक्ष्मी गहनों की शिनाख्त करने गई थीं। पीड़ित ने बताया कि दो लॉकरों में 40 लाख रुपये कैश और आज के कीमत के करीब चार करोड़ रुपये कीमत के गहने रखे थे, लेकिन महज दस फीसदी गहने ही मिल सके हैं। बकाया गहने बरामद करने की पुलिस से गुजारिश की जाएगी।
पुलिस के पास अब गहने नहीं
इंदिरानगर निवासी नीरज मिश्र पत्नी अंकिता के साथ गहनों की पहचान करने गए थे। उन्होंने बताया कि करीब 13 लाख रुपये कीमत के गहने लॉकर में रखे थे। शिनाख्त के दौरान उन्हें चांदी की पायलें और एक सोने की चेन मिली है। पुलिस के पास अब गहने नहीं हैं।
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