Biomedical Engineering in Germany: इंजीनियरिंग की एक नहीं, बल्कि कई सारी ब्रांच हैं। ज्यादातर लोगों को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग जैसे डोमेन के बारे में ही मालूम है। हालांकि, इनके अलावा भी कई सारी ऐसी इंजीनियरिंग स्ट्रीम हैं, जो आने वाले भविष्य की नींव रखती हैं। इन इंजीनियरिंग स्ट्रीम में डिग्री रखने वाले लोगों की दुनियाभर में डिमांड भी होती है। ऐसी ही एक स्ट्रीम बायोमेडिकल इंजीनियरिंग है, जो धीरे-धीरे पॉपुलर हो रही है।
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आपको ये जानकार हैरानी होगी कि जर्मनी जैसे देश में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई फ्री में करवाई जाती है। हेल्थकेयर इंडस्ट्री के लिए बायोमेडिकल इंजीनियर बेहद अहम होते हैं, जिस वजह से उन्हें अच्छी सैलरी भी मिलती है। जर्मनी में इनकी सालाना सैलरी 58 लाख से 62 लाख रुपये के बीच है। सबसे अच्छी बात ये है कि जर्मनी ये कोर्स फ्री में तो करवा ही रहा है, लेकिन इसकी पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में हो रही है। इससे भारतीयों के लिए बायोमेडिकल इंजीनियर बनना बेहद आसान हो गया है।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्या है?
अब यहां सबसे बड़ा सवाल उठता है कि बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्या है? इसका सीधा सा जवाब है कि ये इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस से मिलकर बनी एक फील्ड है। इसकी मुख्य वजह ये है कि इसमें इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और तकनीकों का इस्तेमाल करके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान निकाला जाता है। साथ ही लोगों की सेहत को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। अब यहां ये भी सवाल खड़ा हो जाता है कि बायोमेडिकल इंजीनियर आखिर करते क्या हैं?
इसका जवाब है कि वे मेडिकल उपकरणों को बनाते हैं। MRI मशीन, X-Ray मशीन, ECG मशीन, वेंटिलेटर, पेसमेकर, कृत्रिम अंग (जैसे रोबोटिक हाथ-पैर), सुनने वाली मशीनें आदि को तैयार करने का काम बायोमेडिकल इंजीनियर का ही होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को ठीक करने और उनकी मरम्मत का जिम्मा भी बायोमेडिकल इंजीनियर के पास होता है। बीमारियों का पता लगाने के लिए नई टेक्नोलॉजी और डिवाइस बनाना भी उनका ही काम है।
बायोमेडिकल इंजीनियर्स रिसर्च करने का काम भी करते हैं, ताकि इंसानी शरीर के बारे में अच्छी तरह से पता लगाया जा सके। बीमारियों का इलाज खोजना भी उनका ही काम है। इस तरह कहा जा सकता है कि बायोमेडिकल इंजीनियरिंग उन मशीनों और टेक्नोलॉजी को बनाने और सुधारने पर केंद्रित होती है, जिसके जरिए डॉक्टर मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज कर पाते हैं।
जर्मनी में कहां से होगी फ्री में पढ़ाई?
जर्मनी में बहुत से कोर्सेज की फ्री में पढ़ाई करवाई जाती है। इसका मतलब है कि इन कोर्सेज के लिए छात्रों से कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। हालांकि, छात्रों को एडमिनिस्ट्रेटिव फीस और रहने-खाने का खर्चा खुद ही कवर करना पड़ता है। आइए आज आपको उन पांच यूनिवर्सिटीज के बारे में बताते हैं, जहां से आप बायोमेडिकल इंजीनियरिंग फ्री में कर सकते हैं।
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आपको ये जानकार हैरानी होगी कि जर्मनी जैसे देश में बायोमेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई फ्री में करवाई जाती है। हेल्थकेयर इंडस्ट्री के लिए बायोमेडिकल इंजीनियर बेहद अहम होते हैं, जिस वजह से उन्हें अच्छी सैलरी भी मिलती है। जर्मनी में इनकी सालाना सैलरी 58 लाख से 62 लाख रुपये के बीच है। सबसे अच्छी बात ये है कि जर्मनी ये कोर्स फ्री में तो करवा ही रहा है, लेकिन इसकी पढ़ाई अंग्रेजी भाषा में हो रही है। इससे भारतीयों के लिए बायोमेडिकल इंजीनियर बनना बेहद आसान हो गया है।
बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्या है?
अब यहां सबसे बड़ा सवाल उठता है कि बायोमेडिकल इंजीनियरिंग क्या है? इसका सीधा सा जवाब है कि ये इंजीनियरिंग और मेडिकल साइंस से मिलकर बनी एक फील्ड है। इसकी मुख्य वजह ये है कि इसमें इंजीनियरिंग के सिद्धांतों और तकनीकों का इस्तेमाल करके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान निकाला जाता है। साथ ही लोगों की सेहत को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। अब यहां ये भी सवाल खड़ा हो जाता है कि बायोमेडिकल इंजीनियर आखिर करते क्या हैं?
इसका जवाब है कि वे मेडिकल उपकरणों को बनाते हैं। MRI मशीन, X-Ray मशीन, ECG मशीन, वेंटिलेटर, पेसमेकर, कृत्रिम अंग (जैसे रोबोटिक हाथ-पैर), सुनने वाली मशीनें आदि को तैयार करने का काम बायोमेडिकल इंजीनियर का ही होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि अस्पतालों में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को ठीक करने और उनकी मरम्मत का जिम्मा भी बायोमेडिकल इंजीनियर के पास होता है। बीमारियों का पता लगाने के लिए नई टेक्नोलॉजी और डिवाइस बनाना भी उनका ही काम है।
बायोमेडिकल इंजीनियर्स रिसर्च करने का काम भी करते हैं, ताकि इंसानी शरीर के बारे में अच्छी तरह से पता लगाया जा सके। बीमारियों का इलाज खोजना भी उनका ही काम है। इस तरह कहा जा सकता है कि बायोमेडिकल इंजीनियरिंग उन मशीनों और टेक्नोलॉजी को बनाने और सुधारने पर केंद्रित होती है, जिसके जरिए डॉक्टर मरीजों का बेहतर ढंग से इलाज कर पाते हैं।
जर्मनी में कहां से होगी फ्री में पढ़ाई?
जर्मनी में बहुत से कोर्सेज की फ्री में पढ़ाई करवाई जाती है। इसका मतलब है कि इन कोर्सेज के लिए छात्रों से कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती है। हालांकि, छात्रों को एडमिनिस्ट्रेटिव फीस और रहने-खाने का खर्चा खुद ही कवर करना पड़ता है। आइए आज आपको उन पांच यूनिवर्सिटीज के बारे में बताते हैं, जहां से आप बायोमेडिकल इंजीनियरिंग फ्री में कर सकते हैं।
- ओटो वॉन गुएरिके यूनिवर्सिटी, मैगडेबर्ग
- RWTH आचेन यूनिवर्सिटी, आचेन
- हैमबर्ग यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाइड साइंसेज
- ल्यूबेक टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी
- बॉन-राइन-सीग यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज, राइनबैक
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