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विजय शाह के समर्थन में उतरे आदिवासी और सैनिक, बेटे ने शुरू किया जोरदार कैंपेन, फिर भी जनता से दूरी के मायने

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खंडवा: मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. विजय शाह हाल ही में एक विवाद में फंस गए थे। उन्होंने महू में एक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर एक बयान दिया था। इस बयान के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ गईं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है, लेकिन वह अभी भी सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर हैं। सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे समर्थकउनके समर्थक सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में कैंपेन चला रहे हैं और उनके बेटे दिव्यादित्य शाह ने भी मोर्चा संभाल लिया है। कुछ लोग उनके बयान का विरोध कर रहे हैं, तो कुछ उनका समर्थन कर रहे हैं। उनका एक मुस्लिम समर्थक भी सामने आया है, जिसने कहा है कि विजय शाह हिन्दू-मुसलमान की राजनीति नहीं करते हैं। 15 मई से गायब है विजय शाहमंत्री विजय शाह 15 मई से गायब हैं। 14 मई को वे अपने विधानसभा क्षेत्र हरसूद और खंडवा में कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इसके बाद वे कहीं नजर नहीं आए। 15 मई की रात को सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुई। इसमें दावा किया गया कि मंत्री विजय शाह पत्नी के साथ सचखंड एक्सप्रेस से भोपाल के लिए रवाना हुए हैं। लेकिन, शाह भोपाल में न तो बंगले पर नजर आए और न ही अपने सरकारी ऑफिस में। समर्थकों ने संभाला मोर्चाविजय शाह के समर्थन में उनके बेटे दिव्यादित्य शाह ने समर्थकों के साथ मोर्चा संभाल रखा है। उनके समर्थक सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रहे हैं। वे विजय शाह को देशभक्त बता रहे हैं और उनकी सैनिकों के साथ तस्वीरें शेयर कर रहे हैं। विजय शाह फैंस क्लब के पेज पर एक पोस्ट में सपा सांसद रामगोपाल यादव के बयान पर विपक्ष की चुप्पी और विजय शाह के इस्तीफे की मांग को लेकर लिखा गया है कि विजय शाह को इसलिए टारगेट किया जा रहा है क्योंकि वे आदिवासी हैं। मुस्लिम समर्थक भी कर रहे पोस्टविजय शाह के एक मुस्लिम समर्थक ने वीडियो संदेश के जरिए कहा, 'पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ, उसका गुस्सा हर भारतवासी के मन में है। पूरे भारतवासियों से एक निवेदन था कि एक शब्द बोलने की सजा बाबा साहब अंबेडकर संविधान में कहां लिखकर गए हैं? एक शब्द ऊपर नीचे हो जाए तो फिर से चुनाव होगा। लाखों गरीब लोग डिस्टर्ब होंगे। विजय शाह गरीबों के नेता हैं। उन्होंने कभी हिन्दू मुस्लिम की राजनीति नहीं की। सरकार चाहे तो जांच करा ले। कभी किसी हिन्दू, मुसलमान किसी का भी दिल दुखाया हो। मजाकिया अंदाज में बात करते हैं। एक शब्द ऊपर नीचे हो गया, उसके लिए उन्होंने माफी भी मांग ली है लेकिन, टीवी एंकर उनके पीछे लगे हुए हैं। मैं तीस साल से उनके साथ हूं। उन्होंने कई गरीबों का भला किया है। जवान का वीडियो शेयर कर जताया समर्थनखंडवा जिले के खोकरिया गांव के गोलू जाटव का वीडियो शेयर कर विजय शाह फैन्स क्लब ने लिखा कि गोलू जाटव का सेना में जाने का सपना विजय शाह ने पूरा कराया। वीडियो में गोलू जाटव कह रहे हैं, 'ये दुर्भाग्य पूर्ण है कि कुछ दिनों से विजय शाह जी के एक शब्द या वाक्य को संदर्भ से हटाकर एक राजनीतिक हथियार बनाया जा रहा है। लोगों ने पहले भी गलत या विवादित बातें कही है लेकिन विजय शाह के खिलाफ ही इतनी तीव्र प्रतिक्रिया क्यों?, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे आदिवासी हैं। अगर पूरा भाषण ध्यान से सुना जाए तो साफ होता है कि उनका उद्देश्य देशभक्ति दिखाना था लेकिन भाषा और अभिव्यक्ति की कमी के कारण उनका संदेश सही रूप में सामने नहीं आया। नीयत पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। सैनिकों का किया सम्मान सुप्रीम कोर्ट द्वारा 16 मई को सुनवाई 19 मई तक टलने के बाद 18 मई को विजय शाह के बेटे दिव्यादित्य शाह ने अपने क्षेत्र के सैनिकों का सम्मान किया। दिव्यादित्य खंडवा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी हैं। SIT ने शुरू की जांचसुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने बुधवार को विजय शाह के बयान मामले की जांच शुरू कर दी। एसआईटी में शामिल सागर आईजी प्रमोद कुमार वर्मा, डीआईजी SAF कल्याण चक्रवर्ती और वाहिनी सिंह ने इस मामले से जुड़ी फाइलें, वीडियो सहित तमाम दस्तावेज स्थानीय पुलिस से लेकर जांच शुरू की है। हालांकि, टीम को अब तक क्या मिला? इस बारे में एसआईटी में शामिल अफसर और स्थानीय पुलिस बोलने से बच रहे हैं। 28 मई को पेश होगी रिपोर्टविजय शाह के बयान के मामले की जांच करने के लिए बनाई गई एसआईटी को अपनी स्टेटस रिपोर्ट 28 मई को सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी है। ऐसे में इस मामले से जुडे़ साक्ष्य, गवाह और वीडियो के आधार पर एसआईटी अपनी पूरी रिपोर्ट बनाने में जुटी हुई है। शाह का बयान सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें बुलाकर नसीहत दी थी।
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