मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जब बीजेपी के अगुवाई वाले महायुति गठबंधन को जीत मिली थी, तो इसका बड़ा श्रेय लाडली बहन योजना (लाडकी बहिन योजना) को दिया गया था। महायुति ने महाविकास आघाड़ी को बैकफुट पर धकेलते हुए 50 से कम सीटों पर समेट दिया था लेकिन महायुति को प्रचंड जीत दिलाने वाली लाडली बहन योजना के चलते महाराष्ट्र सरकार के आर्थिक संकट में फंसने की बात कही जा रही है। राजनीतिक हलकों में दावा किया जा रहा है कि विधानसभा चुनाव में महायुति को 'महा'जीत दिलाने वाली 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण' (लाडली बहन) योजना का भार ढोने में अब महायुति सरकार का दम फूलने लगा है।
पुरानी योजनाओं पर चलाई कैंची
महायुति सरकार में जब यह योजना शुरू हुई थी तब अजित पवार वित्त मंत्री थे। अब भी यह विभाग अजित पवार के पास है। सरकार ने अभी तक लाडली बहनों के खातों में 12 किश्तें पहुंचाई हैं। इस बीच सरकार ने अब तक दूसरी कई पुरानी योजनाओं पर कैंची चलाई है ताकि 'लाडली' की लाभार्थियों को रुपये दिए जा सके। इस सब के बाद भी लाडली बहन योजन को लेकर सरकार मुश्किल में दिख रही है। इसी के चलते सरकार ने लाडली के साथ शुरू की गई 4 योजनाओं को स्थाई तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है। पिछले दिनों असुदद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने यहां तक दावा कर दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों के बाद लाडली बहन योजना भी बंद हो जाएगी।
ये चार योजनाएं हुई बंद
महाराष्ट्र में 'लाडली' योजना महायुति सरकार की 4 दूसरी महत्वाकांक्षी योजनाओं को निगल गई है, तो वहीं कई अन्य योजनाओं का भविष्य भी अधर में लटका है। केंद्र सरकार से राज्य सरकार 1.36 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी उधार ले चुकी है। राज्य सरकार ने चार योजनाओं, 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन', 'मुख्यमंत्री वयोश्री', 'एक रुपये में फसल बीमा' और 'मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना' को अब स्थगित कर दिया है। सरकार के कई मंत्री यह मान चुके हैं कि लाडली बहन योजना ने सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ाया है, लेकिन मोटे तौर पर सरकार ने यह नहीं कहा है कि सरकार लाडली बहन योजना को चलाने में असमर्थ हैं, लेकिन चार योजनाओं का बंद होने से साफ संकेत मिल रहे हैं कि महायुति सरकार को विकास कार्यों के साथ लाडली बहन योजना को चलाने में दिक्कत आ रही है।
पुरानी योजनाओं पर चलाई कैंची
महायुति सरकार में जब यह योजना शुरू हुई थी तब अजित पवार वित्त मंत्री थे। अब भी यह विभाग अजित पवार के पास है। सरकार ने अभी तक लाडली बहनों के खातों में 12 किश्तें पहुंचाई हैं। इस बीच सरकार ने अब तक दूसरी कई पुरानी योजनाओं पर कैंची चलाई है ताकि 'लाडली' की लाभार्थियों को रुपये दिए जा सके। इस सब के बाद भी लाडली बहन योजन को लेकर सरकार मुश्किल में दिख रही है। इसी के चलते सरकार ने लाडली के साथ शुरू की गई 4 योजनाओं को स्थाई तौर पर बंद करने का निर्णय लिया है। पिछले दिनों असुदद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम के सांसद इम्तियाज जलील ने यहां तक दावा कर दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों के बाद लाडली बहन योजना भी बंद हो जाएगी।
ये चार योजनाएं हुई बंद
महाराष्ट्र में 'लाडली' योजना महायुति सरकार की 4 दूसरी महत्वाकांक्षी योजनाओं को निगल गई है, तो वहीं कई अन्य योजनाओं का भविष्य भी अधर में लटका है। केंद्र सरकार से राज्य सरकार 1.36 लाख करोड़ रुपये का कर्ज भी उधार ले चुकी है। राज्य सरकार ने चार योजनाओं, 'मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन', 'मुख्यमंत्री वयोश्री', 'एक रुपये में फसल बीमा' और 'मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना' को अब स्थगित कर दिया है। सरकार के कई मंत्री यह मान चुके हैं कि लाडली बहन योजना ने सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ाया है, लेकिन मोटे तौर पर सरकार ने यह नहीं कहा है कि सरकार लाडली बहन योजना को चलाने में असमर्थ हैं, लेकिन चार योजनाओं का बंद होने से साफ संकेत मिल रहे हैं कि महायुति सरकार को विकास कार्यों के साथ लाडली बहन योजना को चलाने में दिक्कत आ रही है।
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