नई दिल्ली: भारत स्वदेशी इंजन ही नहीं स्वदेशी फाइटर जेट भी बना रहा है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दिलीबाबू विजयकुमार ने कहा है कि भारत खुद से फाइटर प्लेन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा-भारत एक पूरी तरह से स्वदेशी लड़ाकू विमान विकसित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह बात उन्होंने तमिलनाडु में विरुधुनगर के शिवकाशी में एक कार्यक्रम में कही। जानते हैं भारत के इस प्रोजेक्ट की पूरी कहानी।
साइंटिस्ट ने भारत के लिए किसे जरूरी बताया
इस कार्यक्रम का नाम था यूथ एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस साइंस कांग्रेस (YASSC) 2025। यह कार्यक्रम पहली बार शिवकाशी में हुआ। इसे तमिलनाडु एस्ट्रोनॉमी साइंस सोसाइटी (TASS) ने श्री कालिसवरी कॉलेज में आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु से 350 से ज्यादा छात्र आए। लगभग 170 टीमों के 500 छात्रों ने रिसर्च पेपर पेश किए। डॉ. विजयकुमार ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए रिसर्च बहुत जरूरी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे मन लगाकर विज्ञान पढ़ें। इससे उन्हें सफलता मिलेगी और देश भी आगे बढ़ेगा।
कावेरी 2.0 अमेरिकी इंजन की तरह होगा ताकतवर
गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) कावेरी 2.0 नाम से एक नया इंजन बना रहा है। यह टर्बोफैन इंजन है। पहले वाले कावेरी इंजन से बेहतर होगा, जो पांचवीं पीढ़ी के जंगी जेट के हिसाब से बनाया जा रहा है। यह तकनीक पूरी तरह से भारत की होगी। GTRE का लक्ष्य अमेरिका की GE-F414 इंजन जैसी क्षमता हासिल करना है। कावेरी 2.0 इंजन कोर को 55 से 58 kN के बीच थ्रस्ट पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया है। आफ्टरबर्नर (वेट थ्रस्ट) के साथ यह 90 kN से अधिक प्राप्त करने की उम्मीद है।
अमेरिका, रूस, चीन के क्लब में शामिल भारत
भारत पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) बना रहा है। यह सिंगल सीट वाला दोहरे इंजन से लैस हर मौसम में उड़ने वाला बहुआयामी स्टील्थ फाइटर जेट होगा। एक्सपर्ट के अनुसार, DRDO की AMCA परियोजना का मुख्य लक्ष्य 2027 तक पहले AMCA प्रोटोटाइप की उड़ान को सुनिश्चित करना है। इस विमान के विकास से भारत उन देशों की क्लब में शामिल हो गया है, जो खुद के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बना सकते हैं। जैसे अमेरिका, रूस और चीन। ऐसा विमान बनाने की क्षमता अभी तक पाकिस्तान के पास भी नहीं है। इनमें से दो यानी अमेरिका और चीन पाकिस्तान के जिगरी दोस्त रहे हैं।
AMCA का स्टील्थ डिजाइन है बेहद खास
AMCA का स्टील्थ डिजाइन ऐसा है कि यह दुश्मन के रडार पर बहुत कम दिखाई देता है। इसमें इंटरनल वेपन बे यानी हथियार को अंदर रखने की सुविधा होगी। जिससे यह रडार से और भी ज्यादा बच पाएगा। साथ ही, यह विमान बिना आफ्टरबर्नर के भी ध्वनि की गति से तेज उड़ सकता है, जिससे यह ईंधन बचाएगा और लंबी दूरी तक जा सकेगा।
चुटकियों में निपटा देगा यह लड़ाकू विमान
AMCA फाइटर जेट में एक एडवांस्ड एवियोनिक्स सूट, सेंसर फ्यूजन और डेटा-शेयरिंग क्षमता होगी, जो पायलट को युद्ध के मैदान की पूरी जानकारी देगा। ऐसे में भारत के पास एक ऐसा लड़ाकू विमान होगा, जो दुश्मनों की चुनौतियों को चुटकियों में निपटा देगा।
क्या है रक्षा मंत्राालय का प्लान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपने देश में ही 'पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ' लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।अभी तक ये तकनीक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास है। भारतीय वायु सेना को मजबूत करने के लिए यह एक बड़ा कदम है। इस प्रोजेक्ट में प्राइवेट कंपनियां भी शामिल होंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट' (AMCA) के मॉडल को मंजूरी दी थी। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ( ADA ) को दी गई है।
5वीं पीढ़ी के 120 फाइटर्स की डिलीवरी कब तक होगी
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि 2035 तक ये विमान बनने शुरू हो जाएंगे और शुरुआत में 120 विमानों की डिलीवरी की जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह प्रोजेक्ट देश की क्षमता का इस्तेमाल करके स्टेल्थ लड़ाकू जेट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे भारत एयरोस्पेस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। वहीं, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर बनाने वाली भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) 'तेजस' प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
साइंटिस्ट ने भारत के लिए किसे जरूरी बताया
इस कार्यक्रम का नाम था यूथ एस्ट्रोनॉमी एंड स्पेस साइंस कांग्रेस (YASSC) 2025। यह कार्यक्रम पहली बार शिवकाशी में हुआ। इसे तमिलनाडु एस्ट्रोनॉमी साइंस सोसाइटी (TASS) ने श्री कालिसवरी कॉलेज में आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में तमिलनाडु से 350 से ज्यादा छात्र आए। लगभग 170 टीमों के 500 छात्रों ने रिसर्च पेपर पेश किए। डॉ. विजयकुमार ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए रिसर्च बहुत जरूरी है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे मन लगाकर विज्ञान पढ़ें। इससे उन्हें सफलता मिलेगी और देश भी आगे बढ़ेगा।
कावेरी 2.0 अमेरिकी इंजन की तरह होगा ताकतवर
गैस टर्बाइन रिसर्च एस्टैब्लिशमेंट (GTRE) कावेरी 2.0 नाम से एक नया इंजन बना रहा है। यह टर्बोफैन इंजन है। पहले वाले कावेरी इंजन से बेहतर होगा, जो पांचवीं पीढ़ी के जंगी जेट के हिसाब से बनाया जा रहा है। यह तकनीक पूरी तरह से भारत की होगी। GTRE का लक्ष्य अमेरिका की GE-F414 इंजन जैसी क्षमता हासिल करना है। कावेरी 2.0 इंजन कोर को 55 से 58 kN के बीच थ्रस्ट पैदा करने के लिए डिजाइन किया गया है। आफ्टरबर्नर (वेट थ्रस्ट) के साथ यह 90 kN से अधिक प्राप्त करने की उम्मीद है।
अमेरिका, रूस, चीन के क्लब में शामिल भारत
भारत पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) बना रहा है। यह सिंगल सीट वाला दोहरे इंजन से लैस हर मौसम में उड़ने वाला बहुआयामी स्टील्थ फाइटर जेट होगा। एक्सपर्ट के अनुसार, DRDO की AMCA परियोजना का मुख्य लक्ष्य 2027 तक पहले AMCA प्रोटोटाइप की उड़ान को सुनिश्चित करना है। इस विमान के विकास से भारत उन देशों की क्लब में शामिल हो गया है, जो खुद के पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बना सकते हैं। जैसे अमेरिका, रूस और चीन। ऐसा विमान बनाने की क्षमता अभी तक पाकिस्तान के पास भी नहीं है। इनमें से दो यानी अमेरिका और चीन पाकिस्तान के जिगरी दोस्त रहे हैं।
AMCA का स्टील्थ डिजाइन है बेहद खास
AMCA का स्टील्थ डिजाइन ऐसा है कि यह दुश्मन के रडार पर बहुत कम दिखाई देता है। इसमें इंटरनल वेपन बे यानी हथियार को अंदर रखने की सुविधा होगी। जिससे यह रडार से और भी ज्यादा बच पाएगा। साथ ही, यह विमान बिना आफ्टरबर्नर के भी ध्वनि की गति से तेज उड़ सकता है, जिससे यह ईंधन बचाएगा और लंबी दूरी तक जा सकेगा।
चुटकियों में निपटा देगा यह लड़ाकू विमान
AMCA फाइटर जेट में एक एडवांस्ड एवियोनिक्स सूट, सेंसर फ्यूजन और डेटा-शेयरिंग क्षमता होगी, जो पायलट को युद्ध के मैदान की पूरी जानकारी देगा। ऐसे में भारत के पास एक ऐसा लड़ाकू विमान होगा, जो दुश्मनों की चुनौतियों को चुटकियों में निपटा देगा।
क्या है रक्षा मंत्राालय का प्लान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारतीय रक्षा मंत्रालय ने अपने देश में ही 'पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ' लड़ाकू विमान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।अभी तक ये तकनीक सिर्फ अमेरिका, रूस और चीन के पास है। भारतीय वायु सेना को मजबूत करने के लिए यह एक बड़ा कदम है। इस प्रोजेक्ट में प्राइवेट कंपनियां भी शामिल होंगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट' (AMCA) के मॉडल को मंजूरी दी थी। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी डीआरडीओ की एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ( ADA ) को दी गई है।
5वीं पीढ़ी के 120 फाइटर्स की डिलीवरी कब तक होगी
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि 2035 तक ये विमान बनने शुरू हो जाएंगे और शुरुआत में 120 विमानों की डिलीवरी की जाएगी। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यह प्रोजेक्ट देश की क्षमता का इस्तेमाल करके स्टेल्थ लड़ाकू जेट बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे भारत एयरोस्पेस के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। वहीं, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर बनाने वाली भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) 'तेजस' प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
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