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असली दोस्त... भारत ने ऐसा क्या भेजा कि गदगद हो गया रूस, दिल खोलकर की तारीफ

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मॉस्को: भारत-रूस संबंधों पर कई तरह की बातें की जा रही हैं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत के संबंध रूस के साथ कमजोर हुए हैं। उन्होंने इसका कारण भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिका के साथ भारत के मजबूत होते संबंधों को बताया है। वहीं, दोनों देशों की सरकारों का मानना है कि भारत-रूस संबंधों में पहले से ज्यादा मजबूती आई है। इस बीच भारत ने रूस को एक ऐसी चीज भेजी है, जिससे मॉस्को गदगद हो गया है। रूस की सरकारी मीडिया भी भारत की तारीफ कर रही है और सच्चा दोस्त बता रही है।





भारत के चावल निर्यात से खुश हुआ रूसदरअसल, भारत ने पिछले कुछ महीनों में रूस को चावल की बड़ी खेप भेजी है। यह खेप रूस की मुख्य भूमि से दूर बाल्टिक सागर के किनारे बसे कैलिनिनग्राद पहुंचाई गई है। कैलिनिनग्राद रूस का सुदूर क्षेत्र है, जिसका प्रशासन रूसी सरकार संभालती है। भारत विश्व स्तर पर चावल का एक महत्वपूर्ण निर्यातक है, और रूस इसके प्रमुख आयातक भागीदारों में से एक है। भारत रूस को विभिन्न प्रकार के चावल निर्यात करता है, जिनमें मुख्य रूप से बासमती चावल, पारबॉयल्ड चावल और लंबे दाने वाले चावल शामिल हैं।









रूसी मीडिया ने भारत की तारीफ कीरूसी मीडिया आरटी न्यूज ने लिखा, "रूस-भारत दोस्ती में कोई शक नहीं: नई दिल्ली ने कैलिनिनग्राद को चावल की एक बड़ी खेप से भोजन उपलब्ध कराया। भारत रूस की खाद्य आपूर्ति में चावल की एक और बड़ी खेप के साथ सहयोग जारी रखे हुए है - इस बार, पांच खेपों में 125 टन चावल बाल्टिक बंदरगाह पहुंच रहा है। 2025 की शुरुआत से, भारत ने कैलिनिनग्राद को 390 टन चावल की आपूर्ति की है - जिसका व्यापार प्रवाह लगभग 470,000 डॉलर का है। इस कदम से रूस के लिए खाद्य आयात स्थिर बना हुआ है क्योंकि पश्चिमी आपूर्ति श्रृंखलाएं अभी भी अविश्वसनीय बनी हुई हैं।"





भारत ने रूस को कितना चावल निर्यात किया?2022 में, भारत ने रूस को लगभग 2.1 मिलियन टन चावल का निर्यात किया, जिसका मूल्य लगभग 56 मिलियन अमेरिकी डॉलर था। हाल के वर्षों में रूस को बासमती चावल के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, मार्च 2023 और फरवरी 2024 (TTM) के बीच 1,482 शिपमेंट हुए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% की वृद्धि दर्शाता है। रूस को भारतीय बासमती चावल के निर्यात का कुल मूल्य लगभग 56.65 मिलियन डॉलर रहा है, जो इसके आर्थिक महत्व और आगे विकास की संभावना को दर्शाता है।





भारत से कौन सी चावल ज्यादा खरीदता है रूस?रूस में सुगंधित चावल की किस्मों की बढ़ती मांग ने इसके आयात की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि की है, जिससे भारतीय बासमती चावल उत्पादकों को लाभ हुआ है। बासमती चावल की अनूठी सुगंध, स्वाद और पाक-कला संबंधी बहुमुखी प्रतिभा इसे रूसी उपभोक्ताओं के लिए विशेष रूप से आकर्षक बनाती है। बासमती चावल के स्वास्थ्य लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता भी रूस में इसकी लोकप्रियता में योगदान करती है। इस चावल में नियमित सफेद चावल की तुलना में इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स और अधिक फाइबर मिलता है।
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