वरुण शर्मा, बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के पाली आनंदगढ़ी गांव के निवासी जेसीओ पैरा कमांडो प्रभात गौड़ (46) जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए।
सोमवार दोपहर को मिली सूचना के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान उन्हें गोली लगी, जिसके बाद वे वीरगति को प्राप्त हुए। प्रभात 27 वर्षों से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे और पिछले दो साल से जम्मू-कश्मीर में तैनात थे।
परिवार में शोक की लहर, पत्नी की हालत नाजुकशहीद प्रभात गौड़ के परिवार में उनकी शहादत की खबर सुनते ही कोहराम मच गया। उनकी पत्नी मनोरमा बेहोश हो गईं। प्रभात का परिवार वर्तमान में गाजियाबाद के राजनगर में रहता है, जहां उनकी पत्नी मनोरमा, बेटी सोनिका और 11 वर्षीय बेटा खुशहाल रहते हैं।
सोनिका ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि खुशहाल स्कूल में पढ़ता है। प्रभात के पिता सत्य प्रकाश गौड़ गांव में अकेले रहते हैं। उनके बड़े भाई राजुल गाजियाबाद में व्यवसाय करते हैं, और छोटे भाई अश्वनी प्राइवेट नौकरी करते हैं।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कारप्रभात गौड़ का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पाली आनंदगढ़ी पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पिता सत्य प्रकाश ने बताया कि बेटे का अंतिम संस्कार उनके खेत में ही किया जाएगा। उन्होंने कहा, मेरा सब कुछ चला गया।
27 साल की देश की सेवाप्रभात गौड़ 1998 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने बुलंदशहर के अमरगढ़ स्थित जवाहर ज्योति इंटर कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। पिछले दो साल से वे श्रीनगर में तैनात थे।
उनके बड़े भाई राजुल ने बताया कि पिछले साल दीपावली पर प्रभात गांव आए थे और चार दिन पहले ही वीडियो कॉल पर उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा, पता नहीं था कि इतनी जल्दी सब कुछ बिखर जाएगा।
देश के लिए बलिदानप्रभात गौड़ की शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव और जिले को शोक में डुबो दिया है। उनकी बहादुरी और देश के प्रति समर्पण हर किसी के लिए प्रेरणा है। गांववासियों और प्रशासन ने उनके बलिदान को नमन करते हुए शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
सोमवार दोपहर को मिली सूचना के अनुसार, मुठभेड़ के दौरान उन्हें गोली लगी, जिसके बाद वे वीरगति को प्राप्त हुए। प्रभात 27 वर्षों से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे और पिछले दो साल से जम्मू-कश्मीर में तैनात थे।
परिवार में शोक की लहर, पत्नी की हालत नाजुकशहीद प्रभात गौड़ के परिवार में उनकी शहादत की खबर सुनते ही कोहराम मच गया। उनकी पत्नी मनोरमा बेहोश हो गईं। प्रभात का परिवार वर्तमान में गाजियाबाद के राजनगर में रहता है, जहां उनकी पत्नी मनोरमा, बेटी सोनिका और 11 वर्षीय बेटा खुशहाल रहते हैं।
सोनिका ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि खुशहाल स्कूल में पढ़ता है। प्रभात के पिता सत्य प्रकाश गौड़ गांव में अकेले रहते हैं। उनके बड़े भाई राजुल गाजियाबाद में व्यवसाय करते हैं, और छोटे भाई अश्वनी प्राइवेट नौकरी करते हैं।
सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कारप्रभात गौड़ का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पाली आनंदगढ़ी पहुंचेगा, जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पिता सत्य प्रकाश ने बताया कि बेटे का अंतिम संस्कार उनके खेत में ही किया जाएगा। उन्होंने कहा, मेरा सब कुछ चला गया।
27 साल की देश की सेवाप्रभात गौड़ 1998 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने बुलंदशहर के अमरगढ़ स्थित जवाहर ज्योति इंटर कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की थी। पिछले दो साल से वे श्रीनगर में तैनात थे।
उनके बड़े भाई राजुल ने बताया कि पिछले साल दीपावली पर प्रभात गांव आए थे और चार दिन पहले ही वीडियो कॉल पर उनसे बात हुई थी। उन्होंने कहा, पता नहीं था कि इतनी जल्दी सब कुछ बिखर जाएगा।
देश के लिए बलिदानप्रभात गौड़ की शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव और जिले को शोक में डुबो दिया है। उनकी बहादुरी और देश के प्रति समर्पण हर किसी के लिए प्रेरणा है। गांववासियों और प्रशासन ने उनके बलिदान को नमन करते हुए शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
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