क्यों प्रसिद्ध है तिरुपति बालाजी मंदिर के बारे में
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमाला पर्वत पर स्थित तिरुपति बालाजी का मंदिर स्थित है। जिसे लेकर लोगों के मन में काफी मान्यता है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्त देश के अलग- अलग राज्यों से आते हैं। बता दें, ये प्राचीन मंदिर भगवान विष्णु के अवतार श्री वेंकटेश्वर स्वामी को समर्पित किया गया है। मान्यता है कि यहां दर्शन करने पर हर इच्छा पूरी हो जाती है।
वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है तिरुपति बालाजी मंदिर
तिरुपति बालाजी मंदिर को वेंकटेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में जो भक्त यहां दर्शन करने के लिए आना चाहते हैं, उन्हें नाम के चलते कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है। दोनों मंदिर एक ही है। बता दें, यह मंदिर दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले मंदिरों में से एक है, जहां लाखों भक्त आशीर्वाद लेने आते हैं और काफी मात्रा में दान भी करते हैं। यह मंदिर अपने समृद्ध इतिहास, आध्यात्मिक महत्व और बाल दान जैसी अनूठी रस्मों के लिए जाना जाता है।
जान लें मंदिर का इतिहास

लगभग 300 ई. में तिरुपति बालाजी मंदिर पर काम शुरू हुआ, जिसमें कई सम्राटों और शासकों ने समय-समय पर इसके विकास में योगदान दिया। 18वीं शताब्दी के मध्य में, मराठा जनरल राघोजी I भोंसले ने मंदिर की प्रक्रियाओं की देखरेख के लिए एक समिति बनाई थी। साल 1933 में TTD कानून के पारित होने के साथ, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की स्थापना की गई थी।
मंदिर में बाल दान क्यों किए जाते हैं?
मंदिर में बाल दान करने की प्रसिद्ध रस्म कई सालों से चली आ रही है। भगवान के दर्शन करने से पहले, हर उम्र के लोग अपनी इच्छा के अनुसार यह रस्म निभाते हैं, जिसमें मंदिर परिसर के पास प्रार्थना करना और सिर मुंडवाना शामिल है। भगवान को अपने बाल दान करने में लोगों की सहायता के लिए, मंदिर प्रशासन ने बड़ी-बड़ी सुविधाओं का निर्माण किया है।
ऐसा माना जाता है कि जो लोग तिरुपति मंदिर में अपने बाल दान करते हैं, उनकी मनोकामना भगवान वेंकटेश्वर पूरी करते हैं। हालांकि बाल का दान करना सभी भक्तों के लिए अनिवार्य नहीं है, लेकिन जो लोग अपनी मनोकामना लेकर मंदिर आते हैं, वे इस रस्म का पालन करते हैं।
कैसे पहुंचे मंदिर
तिरुपति बालाजी मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। आज, तिरुपति एक अत्यधिक विकसित शहर है, जहां भारत के प्रमुख शहरों के लिए बेहतरीन बस और ट्रेन कनेक्शन हैं। चेन्नई और हैदराबाद से अच्छी तरह से बनाए गए सड़कों के माध्यम से शहर तक पहुंचा जा सकता है। ऐसे में जानते हैं फ्लाइट और रेल मार्ग से कैसे आ सकते हैं।ट्रेन मार्ग से - तिरुपति बालाजी मंदिर आ रहे हैं, तो बता दें, तिरुपति का अपना रेलवे स्टेशन है, जिसका नाम है तिरुपति में रेलवे स्टेशन, जो भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।हवाई मार्ग से - फ्लाइट से अगर आप आ रहे हैं तो तिरुपति बालाजी मंदिर से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट तिरुपति इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। यहां से मंदिर की दूरी 13 किलोमीटर के आस-पास है। इसके अलावा आप मद्रास एयरपोर्ट, बेंगलुरु एयरपोर्ट, तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट या कोयंबटूर एयरपोर्ट के लिए भी फ्लाइट बुक कर सकते हैं।
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