कीव: यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही पश्चिमी देश भारत पर आरोप लगाते रहे कि नई दिल्ली रूस की मदद कर रहा है। भारत के रूस से तेल खरीदने पर भी अमेरिका ने कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से हथियार खरीदना भी बंद करे लेकिन मोदी सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। पीएम मोदी ने पिछले दिनों रूस का दौरा करके रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। पुतिन भी इस साल भारत के दौरे पर आने वाले हैं। इस बीच यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि उन्हें रूस के हथियार के अंदर पहली बार भारत में बने हुए उपकरण मिले हैं। यूक्रेन का यह दावा अगर सही है तो इससे यूरोप के साथ तनाव बढ़ सकता है। कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के मिलिट्री इंटेलिजेंस ने 7 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि पहली बार रूसी हथियार सिस्टम के अंदर उन्हें एक भारतीय उपकरण मिला है। उन्होंने बताया कि अब रूसी हथियारों से अमेरिका में बने उपकरण पूरी तरह से गायब हो गए हैं। युद्ध शुरू होने के बाद अमेरिका ने रूस के खिलाफ बहुत ही कड़े प्रतिबंध लगा दिए थे। इससे अब रूस की अमेरिकी उपकरणों तक पहुंच बंद हो गई है। यूक्रेनी मिलिट्री इंटेलिजेंस ने टेलिग्राम पर दिए अपने संदेश में कहा , 'रूसी हथियार के अंदर पहली बार हमें एक भारत में बना उपकरण मिला है। यह औरा सेमिकंडक्टर के अंदर लगा एक क्लॉक बफर है।' रूस भारत को सबसे ज्यादा देता है हथियार यूक्रेनी मिलिट्री इंटेलिजेंस ने कहा कि 6 तरह के रूसी हथियारों के अंदर उन्हें 200 नए पार्ट मिले हैं। इसमें रूस के मोडिफाइड शाहेद ड्रोन का सीआरपी एंटेना, उत्तर कोरिया का केएन-24 बलिस्टिक मिसाइल, किंझल मिसाइल का कंप्यूटर और कई निगरानी और अटैक ड्रोन इसमें शामिल हैं। ईरान का डिजाइन किया गया शहीद 136 ड्रोन रूस ने बड़े पैमाने पर उत्पादन किया है ताकि उसकी मदद से यूक्रेन के शहरों, ऊर्जा ढांचों और अग्रिम मोर्चे पर हमला किया जा सके। इससे पहले कई हथियारों में चीनी चिप भी मिले थे। दशकों से रूस भारत को हथियारों की सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश रहा है। अमेरिका और पश्चिमी देशों के रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाने के बाद भारत अब फ्रांस जैसे देशों से ज्यादा बड़े पैमाने पर हथियार खरीद रहा है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार पुतिन के सामने कहा है कि यह दौर युद्ध का नहीं है और इसे बंद करना होगा। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत और रूस के बीच व्यापार रेकॉर्ड पैमाने पर पहुंच गया है। भारत ने अमेरिका को साफ बता दिया है कि वह रूस के साथ दोस्ती को खत्म नहीं करेगा। भारत ने रूस से एस 400 की खेप भी ली है। कई नए रक्षा समझौते भी रूस के साथ हुए हैं।
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