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अमेरिका के हाथों की कठपुतली बने यूनुस, म्यांमार को तोड़ने के लिए बांग्लादेश की सेना को लगाया, एशिया में बनेगा नया देश?

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ढाका: बांग्लादेश की सेना पड़ोसी म्यांमार में चार साल से जारी गृह युद्ध में घुसने की तैयारी में है। म्यांमार में बांग्लादेश की एंट्री अमेरिकी योजना का हिस्सा है, जिसमें रखाइन राज्य में अराकान आर्मी को सैन्य कार्रवाई में रसद और सप्लाई की सहायता देना शामिल है। अमेरिका की कठपुतली मोहम्मद यूनुस ने योजना को हरी झंडी दे दी है। बांग्लादेश आर्मी की रामू स्थित 10वीं डिवीजन इस अभियान का केंद्र बनकर उभर रही है। अब एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में बांग्लादेश के नवनियुक्त राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) खलीलुर रहमान की 10वीं डिवीजन के अधिकारियों के साथ सीक्रेट मीटिंग हुई है। शुक्रवार को हुई इस बैठक में जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल मोहम्मद असदुल्ला मिनहाजुल आलम भी शामिल थे।खलीलुर रहमान रोहिंग्या समस्या और प्राथमिकता वाले मामलों पर मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के उच्च प्रतिनिधि भी हैं। नॉर्थ ईस्ट न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि बांग्लादेश सेना की 17वीं और 24वीं डिवीजन भी अराकान आर्मी को रसद और आपूर्ति सहायता पहुंचाने वाले इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रही है। म्यांमार के लिए बांग्लादेश की योजनाइसके पहले रिपोर्ट से पता चला था कि म्यांमार के रखाइन में सैन्य रसद पहुंचाने के इरादे से बांग्लादेश की सेना ने टेकनाफ के पास एक विशाल सुविधा के निर्माण पर काम शुरू कर दिया है। सिलखाली सैन्य बेस के पास निर्मित होने वाली इस सुविधा से आपूर्ति और अन्य सामग्री को आगे बढ़ाने की योजना है। इसका उपयोग गठबंधन सेना म्यांमार सैन्य जुंटा के खिलाफ अमेरिका समर्थित छद्म युद्ध के हिस्से के रूप में करेगी। अराकान आर्मी का रखाइन राज्य के बड़े इलाके पर नियंत्रण है और जुंटा सेना केवल तीन शहरों तक सिमट गई है। अराकान आर्मी जल्द कर सकती है कार्रवाईअमेरिका समर्थित अभियान के तहत अराकान आर्मी अब राज्य के बाकी बचे इलाकों पर कब्जे के लिए जल्द ही सैन्य कार्रवाई शुरू कर सकती है। अमेरिकी अधिकारी इस अभियान के लिए बांग्लादेश में मौजूद हैं और विभिन्न इलाकों का दौरा कर रहे हैं। 16 अप्रैल को ढाका पहुंचे अमेरिकी विदेश विभाग के तीन अधिकारियों के साथ एक बड़ी टीम का चटगांव हिल ट्रैक्स और कॉक्स बाजार का चुपचाप दौरा इसी योजना का हिस्सा था। अराकान आर्मी के नए अभियान के दौरान ये इलाके सैन्य रसद के उद्देश्य से महत्वपूर्ण स्थान होंगे।
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