LSG vs CSK: डिसीजन रिव्यू सिस्टम को डीआरएस कहा जाता है लेकिन इसे धोनी रिव्यू सिस्टम फैन्स कहने लगे। कहा जाता है कि धोनी जब भी रिव्यू लेते हैं, तो वह सटीक होता है। इस वजह से उनको ही पूरा क्रेडिट दिया जाने लगा और डीआरएस को लोग धोनी के नाम से बुलाने लगे।
इस बीच धोनी से इस बार गलती हुई है और यह डीआरएस के लिए ही हुई है। अंपायर द्वारा निकोलस पूरन को नॉट आउट देने के बाद धोनी ने रिव्यू नहीं लेने का फैसला लिया लेकिन गेंदबाज नहीं माना। उसने अपनी जिद्द दिखाई और धोनी को अंततः मना लिया।
धोनी ने जब गेंदबाज की बात मानकर रिव्यू लिया, तो विकेट मिल गया और बाद में मामला सोशल मीडिया पर पहुँच गया। इस बार भी लोड धोनी को केडिट देते दिखे लेकिन यहाँ गेंदबाज अंशुल कम्बोज को श्रेय मिलना चाहिए क्योंकि धोनी ने तो रिव्यू लेने से मना कर दिया था।
धोनी ने गेंदबाज को इशारा करते हुए कहा कि यह लेग स्टम्प से बाहर जा रही है, रिव्यू लेने का फायदा नहीं है। गेंदबाज ने धोनी को कहा कि गेंद स्टम्प्स में लग रही है। तब धोनी ने गेंदबाज की बात मानते हुए रिव्यू लेने के लिए अंपायर ई तरफ इशारा कर दिया।
इसके बाद गेंद सीधा लेग स्टम्प को जाकर लगती हुई दिखाई दी और रिव्यू का फायदा चेन्नई सुपर किंग्स को हुआ। इस सीजन धांसू बैटिंग कर रहे निकोलस पूरन का विकेट अंशुल कम्बोज को मिल गया। वह जिद्द करके नहीं बैठते तो धोनी रिव्यू नहीं लेते और चेन्नई को इस दिग्गज प्लेयर का विकेट भी नहीं मिलता।
इस तरह 24 साल के अंशुल कम्बोज ने धोनी को भी गलत साबित कर दिया। आम तौर पर धोनी का रिव्यू सटीक माना जाता है लेकिन इस बार वह भी मात खा गए और उनका अनुमान फेल हो गया। बहुत लोग सोशल मीडिया पर अब अंशुल को क्रेडिट दे रहे हैं।
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