मोहिनी एकादशी: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मोहिनी एकादशी व्रत वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। इस वर्ष मोहिनी एकादशी का व्रत 8 मई को रखा जाएगा। मोहिनी एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। भगवान को तिल अर्पित करें। फिर एक दीपक जलाएं और एक कलश स्थापित करें। इस दिन भगवान ने देवताओं के कल्याण के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। इसीलिए इसे मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष एकादशी तिथि 7 मई 2025 को सुबह 10.19 बजे शुरू होगी और अगले दिन दोपहर 12.29 बजे तक रहेगी।
हरिवासर एकादशी व्रत के लाभ
हरिवासर में एकादशी का व्रत नहीं करना चाहिए। हरिवासर में संतान प्राप्ति के संबंध में स्कंद पुराण में कहा गया है कि हरिवासर अर्थात एकादशी और बारस का व्रत रखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि व्रत, तप और तीर्थयात्रा से कोई फल नहीं मिलता। पदम पुराण में कहा गया है कि जो व्यक्ति स्वेच्छा से या अनिच्छा से एकादशी का व्रत करता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है और परम धाम, वैकुंठ धाम को प्राप्त करता है।
एकादशी पर आप क्या दान करेंगे?
यह वैशाख माह की एकादशी है। इसलिए इन ग्यारह दिनों में जल, वस्त्र और अनाज जैसे दाल, चावल और आटा का दान करना चाहिए। इसके अलावा पंखे और गमले भी दान किए जा सकते हैं। दान करने के लिए पहले भगवान को सब कुछ अर्पित करें और फिर एकादशी को गरीबों को दान दें। इस दिन दीपक जलाकर तुलसी की पूजा करनी चाहिए।
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