अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और दुनिया भर के अन्य देशों पर पारस्परिक टैरिफ लगाने की घोषणा की है और इसका असर एशियाई बाजारों में बड़ी गिरावट के रूप में देखा जा रहा है। ट्रम्प ने भारत पर भी टैरिफ बम गिराया है और 26 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। जिसके चलते नकारात्मक वैश्विक संकेतों का असर भारतीय शेयर बाजार में सेंसेक्स-निफ्टी पर देखने को मिल सकता है।
क्या यह भारतीय शेयर बाजार के लिए चिंता का विषय है?
पिछले कारोबारी दिन की बात करें तो सेंसेक्स और निफ्टी मजबूत स्थिति में चलते नजर आए थे, लेकिन ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद आज यानी गुरुवार को एशियाई बाजारों में कोहराम मच सकता है।
क्या पारस्परिक टैरिफ से शेयर बाजारों में भय उत्पन्न हुआ?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पारस्परिक टैरिफ की घोषणा करके दुनिया भर में हलचल मचा दी है और इस दिन को मुक्ति दिवस का नाम दिया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने एक पूरी सूची जारी की है जिसमें बताया गया है कि किस देश पर कितना टैरिफ लगाया जाएगा। नई टैरिफ दरों के अनुसार, अमेरिका चीन पर 34%, यूरोपीय संघ पर 20%, जापान पर 24% और भारत पर 26% टैरिफ लगाएगा। हालांकि, टैरिफ पर ट्रम्प की घोषणा से एशियाई बाजारों में घबराहट की स्थिति है और जापानी शेयर बाजार सबसे खराब स्थिति में नजर आ रहा है।
एशियाई बाज़ारों में दहशत
डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा रियायती पारस्परिक टैरिफ की घोषणा के बाद जापान के निक्केई सूचकांक में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। निक्केई स्टॉक सूचकांक गुरुवार को 4.6% गिरकर 34,102 पर आ गया, जो आठ महीनों में इसका निम्नतम स्तर है। अमेरिका ने जापान पर 24% आयात शुल्क लगाया है। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में गिफ्ट निफ्टी भी 200 अंक से अधिक गिर गया।
दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक भी गिर गया।
जापान के अलावा दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक भी खुलते ही लगभग 3 प्रतिशत गिर गया। दूसरी ओर, हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक पिछले बंद स्तर से नीचे 23,094 पर लाल क्षेत्र में कारोबार कर रहा था। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 भी 1.55% गिर गया।
सेंसेक्स-निफ्टी का क्या होगा?
विशेषज्ञों के अनुसार निफ्टी और सेंसेक्स में गैप-डाउन ओपनिंग की संभावना है। इसका सबसे ज्यादा असर ऑटो, आईटी और फार्मा शेयरों में देखने को मिल सकता है। ट्रम्प के टैरिफ से फार्मा क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान होने की उम्मीद है। यद्यपि टैरिफ के सटीक प्रतिशत का विवरण नहीं दिया गया है, लेकिन अमेरिका भारतीय दवा निर्यात के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है। टैरिफ में वृद्धि से निर्यात आय कम हो सकती है।
The post first appeared on .
You may also like
काठमांडू में दो करोड़ के अवैध सोने- चांदी के गहने सहित नौ भारतीय गिरफ्तार
Ritlal yadav surrender news: कालकोठरी जाने से पहले कैमरे पर गरजा बाहुबली रीतलाल यादव, जेल में सीने से लगाने को तैयार छोटे सरकार!
आखिर 87 की वहीदा के सामने फेल हो ही गया रेखा का रटा-रटाया अंदाज, बालों में सफेद फूल लगा साड़ी पहन छाईं रहमान
Hyundai Venue: Drive Home with Just ₹2 Lakh Down — All You Need to Know About EMI and Pricing
मौसम आज भी रहेगा खराब, हरियाणा में तेज हवाएं चलने के साथ होगी झमाझम बरसात