मुंबई – कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के चलते नौसेना ने समुद्री सीमा की सुरक्षा के लिए अरब सागर में पूर्ण पैमाने पर युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है।
पश्चिमी नौसेना कमान के तत्वावधान में पिछले तीन-चार दिनों से अरब सागर में चल रहे इस अभ्यास में नौसेना के विध्वंसक और फ्रिगेट सहित विभिन्न प्रकार के युद्धपोत शामिल हैं। इसके साथ ही युद्धपोतों और नौसेना के विमानों से उड़ाए गए हेलिकॉप्टरों से आसमान में चक्कर लगाकर समुद्री सीमा पर कड़ी नजर रखी जा रही है। पश्चिमी नौसेना कमान के सूत्रों के अनुसार, पिछले तीन-चार दिनों से पश्चिमी नौसेना कमान के साथ-साथ पूर्वी नौसेना कमान में भी युद्ध अभ्यास चल रहा है। इससे पहले स्वदेश निर्मित विध्वंसक जहाज ‘आईएनएस सूरत’ ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) का सफल परीक्षण किया था। इससे पहले कि पाकिस्तानी नौसेना मिसाइल के परीक्षण के बारे में सोच भी पाती, भारतीय नौसेना ने हमला कर दिया था।
पाकिस्तानी नौसेना भारतीय नौसेना के खिलाफ संघर्ष कर रही है। क्योंकि भारतीय नौसेना ने 1971 के युद्ध में पाकिस्तान को हराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारतीय नौसेना ने ‘ऑपरेशन ट्राइडेंट’ नाम से कराची बंदरगाह पर बड़ा हमला किया। कई पाकिस्तानी युद्धपोत डूब गये। फिर दूसरे हमले में पूरा कराची बंदरगाह नष्ट कर दिया गया। यह हमला पाकिस्तान के लिए घातक साबित हुआ और इस प्रकार नौसेना की भूमिका महत्वपूर्ण साबित हुई।
भारतीय नौसेना पाकिस्तानी नौसेना से कई गुना अधिक सक्षम है। दूसरे, पाकिस्तानी नौसेना को युद्धपोतों और पनडुब्बियों के लिए विदेशी देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। जबकि भारत ने युद्धपोतों, पनडुब्बियों, मिसाइलों, विमानों और लड़ाकू विमानों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। इस तरह भारत का पलड़ा भारी है।
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