जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। पाकिस्तान इस हमले से खुद को अलग कर रहा है, लेकिन जांच में पता चला है कि पूरी योजना पाकिस्तान में ही लिखी गई थी। यही कारण है कि भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बहुत बड़ी कार्रवाई की है। इनमें सबसे बड़ा निर्णय सभी पाकिस्तानियों को भारत छोड़ने का आदेश है।
यह आदेश जारी होने के बाद अब तक सैकड़ों पाकिस्तानी अपने देश लौट चुके हैं। दूसरी ओर, गुरुवार को भारत में अमृतसर और पाकिस्तान में लाहौर के पास अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी गई। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा समाप्त होने के बाद गुरुवार को लगभग 70 पाकिस्तानी नागरिक अटारी सीमा पर फंसे हुए पाए गए।
मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्वीकार किया कि ऐसी खबरें हैं कि भारत में अटारी सीमा पर बच्चों सहित कई पाकिस्तानी नागरिक फंसे हुए हैं। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमें मीडिया में आई खबरों की जानकारी है कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक अटारी में फंसे हुए हैं। यदि भारतीय अधिकारी हमारे नागरिकों को अपनी सीमा पार करने की अनुमति देते हैं, तो हम उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि भविष्य में लौटने के इच्छुक पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वाघा सीमा खुली रहेगी। इस दौरान खास बात यह है कि केवल पाकिस्तानी पासपोर्ट धारकों को ही अनुमति दी जाती है। पाकिस्तान उन लोगों को वापस नहीं ले रहा जिनके पास पासपोर्ट नहीं है।
विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने के भारत के फैसले की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने का भारत का फैसला गंभीर मानवीय चुनौतियां उत्पन्न कर रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा करने से कई लोगों को इलाज कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कई लोगों को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है।
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