आजकल लोग अपनी सेहत के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं। कई लोग अपने स्वास्थ्य लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ग्लूटन फ्री डाइट अपनाते हैं। हालांकि, इस प्रकार की डाइट में रोटी बनाना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इसमें गेहूं की तरह लचीलापन नहीं होता। इससे रोटी बेलते समय फटने, चिपकने या तवे पर टूटने की समस्या हो सकती है, जो निश्चित रूप से निराशाजनक है।
ग्लूटन फ्री रोटी बनाने के लिए सरल उपाय
यदि आपने भी ग्लूटन फ्री रोटी बनाने की कोशिश की है लेकिन सफल नहीं हो पाईं, तो अब चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। बस थोड़ी धैर्य, सही तकनीक और कुछ घरेलू टिप्स के साथ आप आसानी से ग्लूटन फ्री रोटी बना सकती हैं। आइए, हम आपके साथ कुछ उपयोगी सुझाव साझा करते हैं जो इस प्रक्रिया में आपकी मदद करेंगे।
सही आटे का चयन करें सही आटा चुनें
ग्लूटन फ्री रोटी बनाने के लिए सही आटे का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। विभिन्न प्रकार के ग्लूटन-फ्री आटे का टेक्सचर अलग होता है। उदाहरण के लिए, बाजरे का आटा सर्दियों के लिए उपयुक्त है, जबकि गर्मियों में ज्वार का आटा बेहतर होता है। रागी का आटा कैल्शियम से भरपूर होता है, लेकिन यह थोड़ा चिपचिपा भी होता है। बाजार में ग्लूटन-फ्री मिक्स आटा भी उपलब्ध है, जिसमें बाइंडिंग के लिए इसबगोल या जैंथन गम मिलाया जाता है। यदि आप रोटी को नरम और आसानी से बनाना चाहती हैं, तो विभिन्न आटे को मिलाकर प्रयोग करें। एक कप ज्वार के आटे में एक चौथाई कप चावल का आटा और 1 चम्मच इसबगोल मिलाना एक अच्छा विकल्प है।
गुनगुने पानी का उपयोग करें गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें
ग्लूटन फ्री रोटी बनाने के लिए आटा गूंथते समय गुनगुने पानी का उपयोग करें। ठंडा पानी ग्लूटन-फ्री आटे में अच्छी तरह से मिश्रित नहीं होता, जिससे आटा सूखा रह जाता है और टूट जाता है। ध्यान रखें कि आटा न तो बहुत सख्त हो और न ही बहुत चिपचिपा हो।
आटे को आराम दें आटे को थोड़ा आराम दें
ग्लूटन फ्री आटा गूंथने के बाद, इसे 10-15 मिनट तक ढककर रखें। इससे आटे की बाइंडिंग क्षमता बढ़ती है, जिससे बेलना और सेंकना आसान हो जाता है। यदि इसे ढककर नहीं रखा गया, तो आटा सूख सकता है।
You may also like
Duleep Trophy 2025: शार्दुल ठाकुर को मिली वेस्ट जोन की कमान, रहाणे-पुजारा को नहीं मिली टीम में जगह
अगर आप पर भी है भारी-भरकम चालान, तो ऐसे हो जाएगा आधा माफ
बिग ब्रदर सीजन 27: पहले तीन हफ्तों में हुए बड़े बदलाव
असम में मानव तस्करी पर शिकंजा; एक बड़े अभियान में 26 नाबालिग लड़कियों को बचाया गया
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के आरोप में ननों की ग़िरफ़्तारी, केरल बीजेपी क्यों है परेशान