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सोमवार को भगवान शिव की पूजा का महत्व और लिंगाष्टकम् स्तोत्र

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सोमवार का महत्व


हिंदू धर्म में सोमवार को विशेष रूप से फलदायी दिन माना जाता है। इस दिन भक्तजन भगवान शंकर की आराधना करते हैं। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत करने से भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए, सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद, भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग पर त्रिपुंड लगाएं और कनेर के फूल तथा बिल्व पत्र अर्पित करें। इसके बाद, शिव जी के "लिंगाष्टकम् स्तोत्र" का पाठ करें और अंत में कपूर से आरती करें। पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगें और अपनी प्रार्थना करें। इस प्रक्रिया से मनचाही कृपा प्राप्त होती है।


लिंगाष्टकम् स्तोत्र ।।लिंगाष्टकम स्तोत्र।।

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।


जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥


देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।


रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥


सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।


सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥


कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।


दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥


कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।


सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥


देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।


दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥


अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।


अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥


सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।


परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥


लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।


शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥


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