इंटरनेट डेस्क। भगवान श्री विष्णु के अवतार योगेश्वर कृष्ण के जन्मोत्सव का उनके भक्तों को हर समय इंतजार रहता है। भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी के दिन मनाए जाने इस पर्व की सही तारीख को लेकर कई बार संशय रहता है। इस स्थिति में हर साल की तरह इस साल भी भ्रम बना हुआ है। तो आइए उनके जन्मोत्सव की सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त जान लेते है।
कब है जन्माष्टमी
कृष्ण जन्माष्टमी की अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात 11 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 16 अगस्त को रात 9 बजकर 34 मिनट पर होगा। जन्माष्टमी का पूजन मुहूर्त 16 अगस्त को रात 12 बजकर 4 मिनट पर शुरू होकर 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा, जिसकी अवधि कुल 43 मिनट की रहेगी।
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ
इस साल रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त को सुबह 4 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगा और यह 18 अगस्त को 3 बजकर 17 मिनट कर रहेगा।
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि
जन्माष्टमी पूजा की शुरुआत सूर्याेदय पूर्व स्नान से होती है, साफ सुथरे कपड़े पहनकर भगवान कृष्ण के प्रतिमा या चित्र की गंगा जल और दूध से अभिषेक किया जाता है, उन्हें नए वस्त्र पहनाकर फूल, फल, मिठाई व मिश्री से भोग लगाया जाता है। विशेष रूप से रात को बारह बजे कृष्ण जन्म के समय उनकी पूजा और आरती की जाती है, इस दिन भक्तगण दिन भर अनाज से परहेज करते हैं और पारण में फल, कुट्टू या सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन खाते हैं।
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