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माओवादी अभियान 'ऑपरेशन कागर' बंद करे केंद्र सरकार : केसीआर

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हैदराबाद, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने रविवार को केंद्र की भाजपा सरकार से माओवादियों के खिलाफ चल रहे 'ऑपरेशन कागर' को बंद करने और उन्हें शांति वार्ता के लिए आमंत्रित करने की अपील की।

छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे बड़े अभियान का हवाला देते हुए केसीआर ने कहा कि यह "नरसंहार सही नहीं है।" केसीआर एल्काथुर्ती, हनमकोंडा जिले में बीआरएस की रजत जयंती समारोह के अवसर पर एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और युवाओं की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा, "सिर्फ इसलिए कि आपके पास ताकत है, आप हत्याओं का सिलसिला नहीं चला सकते। माओवादियों ने शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया है, केंद्र सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए।"

कई महीनों बाद अपनी पहली जनसभा में केसीआर ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला किया और उसे 'अधूरे वादों' और 'विफलताओं' के लिए जिम्मेदार ठहराया। करीब एक दशक तक तेलंगाना के मुख्यमंत्री रहे केसीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने बीआरएस के कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों को खत्म कर दिया है और 2014 जैसी स्थिति फिर लौट आई है।

उन्होंने याद दिलाया कि 2001 में तेलंगाना आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (अब बीआरएस) का गठन किया था और पार्टी ने पृथक तेलंगाना राज्य के गठन का सपना साकार किया।

केसीआर ने कांग्रेस पार्टी को "तेलंगाना का विलेन नंबर वन" करार दिया। उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1956 में तेलंगाना का जबरन आंध्र प्रदेश में विलय कराया और 1969 के तेलंगाना आंदोलन को भी कांग्रेस ने बेरहमी से दबा दिया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि 2009 में राज्य गठन की घोषणा करने के बाद कांग्रेस ने चालबाजियां कर तेलंगाना को राज्य का दर्जा देने से रोका था।

केसीआर ने कहा, "तब भी, अब भी और हमेशा कांग्रेस ही तेलंगाना की सबसे बड़ी दुश्मन रही है।"

केसीआर ने दावा किया कि बीआरएस सरकार के कार्यकाल में तेलंगाना ने सर्वांगीण विकास किया। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद राष्ट्रीय रिकॉर्ड में शीर्ष पर था और प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 3.5 लाख रुपये तक पहुंच गई थी।

उन्होंने बताया कि कैसे कालेश्वरम सहित विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं ने बंजर भूमि को उपजाऊ बनाया और राज्य आज 3.5 करोड़ टन धान का उत्पादन करता है। केसीआर ने रैतु बंधु (कृषि निवेश सहायता योजना) जैसी योजनाओं और किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली आपूर्ति, मिशन भागीरथा के तहत प्रत्येक घर में पेयजल आपूर्ति जैसी उपलब्धियों का भी उल्लेख किया।

उन्होंने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि "दिल्ली से आए नकली गांधी" चुनाव प्रचार में बड़े-बड़े वादे कर चले गए। उन्होंने कहा, "हम 2,000 रुपये पेंशन दे रहे थे, उन्होंने 4,000 रुपये का वादा किया। हम रैतु बंधु में 10,000 रुपये दे रहे थे, उन्होंने 15,000 रुपये देने का वादा किया। स्कूटी देने, 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ करने, और कल्याण लक्ष्मी योजना में एक तोला सोना और 1 लाख रुपये देने के वादे किए गए, लेकिन आज तक कुछ पूरा नहीं हुआ।"

उन्होंने राज्य में बिजली कटौती, किसानों की मोटरें जलने और जल संकट पर चिंता जताई और पूछा कि भूमि दरें क्यों गिर गई हैं और किसानों से धान की खरीद क्यों नहीं हो रही है। केसीआर ने वादा किया कि बीआरएस तेलंगाना की जनता के हक के लिए संघर्ष जारी रखेगा और भरोसा जताया कि जनता कांग्रेस को उसके धोखे के लिए सबक सिखाएगी।

--आईएएनएस

डीएससी/सीबीटी

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