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Sirohi में तारंगा हिल-अंबाजी-आबूरोड रेल लाइन प्रोजेक्ट में अधिग्रहित जमीनों का नहीं मिला पूरा मुआवजा

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सिरोही जिले से गुजरने वाली तरंगा टेकरी-अंबाजी-आबू रोड रेलवे लाइन परियोजना का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में इस उद्देश्य के लिए अधिग्रहित भूमि का पूरा मुआवजा न मिलने के कारण किसानों में विरोध के स्वर उठने लगे हैं। प्रभावित किसान इस मामले के लिए जिम्मेदार परियोजना अधिकारियों पर उनकी बात न सुनने का भी खुला आरोप लगा रहे हैं। ऐसे कई पीड़ित किसानों ने न्याय की गुहार लगाते हुए आबू रोड एसडीएम को प्रार्थना पत्र दिया है।

आबूरोड उपखंड के संतपुर गांव के चारणियाफली गांव निवासी गणेश आचार्य का कहना है कि इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में किसानों के साथ अन्याय किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सारी जमीनें छोड़ दी गई हैं, जो अब किसानों के किसी काम की नहीं रह गई हैं। रेलवे नियमों के अनुसार, रेलवे लाइन के दोनों ओर 30 मीटर के दायरे में भूस्वामी कोई निर्माण या व्यावसायिक गतिविधि नहीं कर सकते।

जब हम परियोजना अधिकारियों को बताते हैं तो वे नहीं सुनते। ऐसी स्थिति में किसानों को क्या करना चाहिए? वे ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। ललिता देवी का कहना है कि लाइन उनके खेत के बीच से गुजर रही है। इसका एक हिस्सा छोड़ दिया गया है। अब यह जमीन उनके किसी काम की नहीं रही। ये तो सिर्फ दो उदाहरण हैं। इस क्षेत्र के कई किसान ठगा हुआ महसूस करते हैं। इन लोगों ने आबू रोड एसडीएम से उचित न्याय की मांग की है।

यह तरंगा टेकरी-अंबाजी-अबू रोड रेलवे लाइन परियोजना है।
तरंगा टेकरी-अंबाजी-अबू रोड रेलवे लाइन परियोजना की लागत लगभग 150 करोड़ रुपये है। अनुमानित लागत रु. 2798.16 करोड़ रु. इस परियोजना को तीन साल पहले यानी वर्ष 2022 में हरी झंडी मिली थी। इसे 2026-27 तक पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। यह परियोजना राजस्थान के सिरोही जिले और गुजरात के साबरकांठा, बनासकांठा और मेहसाणा जिलों से होकर गुजरेगी तथा दोनों राज्यों के तीन तीर्थ स्थलों को जोड़ेगी। इस परियोजना की लंबाई 116.65 किलोमीटर है।

इसमें कुल 15 स्टेशन प्रस्तावित हैं, जिनमें 8 क्रॉसिंग और 7 हाल्ट स्टेशन शामिल होंगे। इसमें 11 सुरंगें, 54 बड़े पुल, 151 छोटे पुल, 8 सड़क ओवरब्रिज और 54 सड़क अंडरब्रिज शामिल होंगे। इसमें अंबाजी स्टेशन को शक्तिपीठ की थीम पर विकसित किया जाना है। यहां 100 कमरों वाला पांच मंजिला होटल बनाने का भी प्रस्ताव है। तरंगा हिल रेलवे स्टेशन जैन वास्तुकला की थीम पर प्रस्तावित है। इससे राजस्थान और गुजरात के कई धार्मिक स्थल एक-दूसरे से जुड़ जाएंगे।

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