पाकिस्तानी सेना के जनरल मुनीर को भारत के साथ हालिया संघर्ष में उनकी भूमिका के लिए मंगलवार को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया, जिससे वह देश के इतिहास में इस पद पर पदोन्नत होने वाले दूसरे शीर्ष सैन्य अधिकारी बन गए। इसके बाद जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को आसिम मुनीर पर कटाक्ष किया। इमरान ने कहा, "सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को खुद को फील्ड मार्शल की जगह 'राजा' की उपाधि देनी चाहिए थी, क्योंकि पाकिस्तान में जंगल राज लागू है।"
इमरान और पीटीआई शहबाज सरकार के खिलाफ मुखरइमरान खान ने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों में पाकिस्तान का नैतिक और संवैधानिक ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया है। बता दें कि इमरान खान अगस्त 2023 से कई मामलों के चलते जेल में हैं। जब वह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, तब असीम मुनीर से उनके रिश्ते भी तनावपूर्ण थे। इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई के बाद उनकी पार्टी पीटीआई के नेताओं के खिलाफ भी कई कार्रवाई की गई। पीटीआई नेताओं ने संसद में भारत के साथ हालिया तनाव के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा चलाए गए अभियान पर भी सवाल उठाए। इस समय पाकिस्तान में जनरल असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की जोड़ी पर अगर कोई सवाल उठाने वाला है तो वह पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान हैं। विज्ञापन
'अगर पाकिस्तान को सचमुच परवाह है...'इमरान खान ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "माशाअल्लाह, जनरल असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है। हालांकि, स्पष्ट रूप से उन्हें 'राजा' की उपाधि देना बेहतर होता, क्योंकि अभी देश में जंगलराज चल रहा है और एक ही राजा है।" उन्होंने यह भी कहा कि उनके साथ समझौते की अफवाहें पूरी तरह झूठी हैं। कोई सौदा नहीं हुआ है, न ही कोई बातचीत चल रही है, ये निराधार झूठ हैं। हालांकि, इमरान ने खुले तौर पर सेना से कहा कि अगर वे वास्तव में पाकिस्तान के हितों और भविष्य की परवाह करते हैं, तो वे उनके साथ बातचीत कर सकते हैं। यह भी पढ़ें: भारत की पाकिस्तान के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई, इमरान खान और बिलावल भुट्टो का एक्स अकाउंट सस्पेंड
इमरान की शहबाज सरकार को चेतावनी...इमरान खान ने कहा, "देश बाहरी खतरों, बढ़ते आतंकवाद और आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। हमें एकजुट होना चाहिए। मैंने पहले कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा, न ही अब मांगूंगा।" इमरान खान ने शहबाज शरीफ सरकार को भारत द्वारा एक और हमले के बारे में भी चेतावनी दी और कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसे स्थान में तब्दील हो गया है जहां कानून केवल कमजोर लोगों पर लागू होता है।
उन्होंने कहा, "मौजूदा हालात से पता चलता है कि जम्हूरियत (लोकतंत्र) की असली अहमियत को कुचला जा रहा है। जब आप यह संदेश देते हैं कि जितना बड़ा चोर, उतना ऊंचा पद, तो आप न्याय को दफना देते हैं। एनएबी के पास अभी भी (राष्ट्रपति) आसिफ जरदारी की बहन के खिलाफ कर्मचारियों के नाम पर पंजीकृत पांच अपार्टमेंट के संबंध में मामला चल रहा है। वह विदेश में हैं और कोई उनसे पूछताछ करने की हिम्मत नहीं करता। शाहबाज शरीफ पर 22 अरब पाकिस्तानी रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप लगे थे, फिर भी उन्हें प्रधानमंत्री बनाया गया।"
'कानून का लगातार उल्लंघन...'इमरान खान ने कहा, "तोशाखाना-2 मामले की मॉक ट्रायल फिर से शुरू हो गई है। जेल की तरह ही, अदालती कार्यवाही भी कर्नल की मर्जी से चलती है। मेरी बहनों और वकीलों को अदालत जाने से रोका जा रहा है, मेरे दोस्तों को मुझसे मिलने नहीं दिया जा रहा है, मुझे महीनों से अपने बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है, यहाँ तक कि मेरी किताबें भी नहीं पहुंचाई जा रही हैं और मुझे अपने डॉक्टर से भी नहीं मिलने दिया जा रहा है।" यह अदालती आदेशों और कानूनों का निरंतर उल्लंघन है।"
उन्होंने कहा, "ड्रोन हमलों में निर्दोष नागरिकों की हत्या से आतंकवाद कम नहीं होता, बल्कि इससे आतंकवाद को बढ़ावा ही मिलता है। वर्षों के संघर्ष के बाद, हम पाकिस्तान में अमेरिकी ड्रोन अभियानों को रोकने में सफल हुए हैं। यदि आप आतंकवाद के खिलाफ होने का दावा करते हैं, तो अपने ही लोगों के घरों पर बम न गिराएँ।"
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