महाराष्ट्र के नासिक में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। एक युवक के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी और परिवार में गम का माहौल था। परंतु अचानक वही युवक, जिसे मृत समझा जा रहा था, हिलने-डुलने और खांसने लगा, जिससे वहां मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए।
जानकारी के अनुसार, मृतक के परिवार ने शव को अंतिम संस्कार के लिए तैयार किया था। तभी युवक ने संकेत दिए कि वह जीवित है, जिससे परिजन और आसपास मौजूद लोग हैरान रह गए। तुरंत ही युवक को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज शुरू किया गया है।
अस्पताल सूत्रों ने बताया कि युवक की हालत गंभीर बनी हुई है। प्राथमिक इलाज में उसके जीवन लक्षणों की जांच की जा रही है और चिकित्सक उसकी स्थिति पर लगातार निगरानी कर रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में अक्सर स्वास्थ्य की गलत पहचान या अस्थायी कोमा जैसी स्थिति सामने आ सकती है। कभी-कभी व्यक्ति की श्वसन दर या चेतना इतनी धीमी हो जाती है कि उसे मृत समझ लिया जाता है। ऐसे में त्वरित चिकित्सीय जांच और उपचार आवश्यक होता है।
परिवार के सदस्यों ने बताया कि वे युवक के अचानक जीवित होने से शॉक और राहत दोनों महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें सचेत किया कि किसी की मृत्यु की पुष्टि केवल चिकित्सकीय परीक्षण के बाद ही करनी चाहिए।
स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने भी मामले की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस घटना में कोई अपराधिक पहलू नहीं है और इसे स्वाभाविक चिकित्सा आपदा के रूप में देखा जा रहा है।
इस घटना ने नासिक में स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है। लोग यह सोचने पर मजबूर हैं कि कभी-कभी मृत्यु की गलत पहचान से अत्यंत गंभीर परिणाम और भावनात्मक संकट भी उत्पन्न हो सकता है।
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