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रिश्तों में छिपे मानसिक जाल! वीडियो में जानिए वो आदतें जो पुरुष अनजाने में दोहराते हैं और महिलाएं सहती हैं डिप्रेशन

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आज के दौर में जब मानसिक स्वास्थ्य पर पहले से कहीं अधिक बातचीत हो रही है, तब यह समझना बेहद ज़रूरी हो गया है कि रिश्तों में किस तरह की आदतें और व्यवहार महिलाओं के मन पर गहरा असर डाल सकते हैं। कई बार पुरुषों की कुछ अनजानी, अनदेखी और बार-बार दोहराई जाने वाली आदतें महिलाओं को अवसाद (डिप्रेशन), तनाव और आत्म-संदेह का शिकार बना देती हैं। ये आदतें रिश्तों में दूरी पैदा करती हैं और एक स्वस्थ मानसिक जीवन में बाधा बनती हैं।इस लेख में हम चर्चा करेंगे उन आम लेकिन असरदार पुरुष व्यवहारों की, जो महिलाओं की मानसिक स्थिति को प्रभावित करते हैं और कभी-कभी गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं।


1. नजरअंदाजी करना और भावनात्मक दूरी बनाना
महिलाएं स्वाभाविक भावनात्मक जुड़ाव चाहती हैं। जब पुरुष भावनाओं को अनदेखा करते हैं, बातचीत से बचते हैं या ठंडी प्रतिक्रिया देते हैं, तो महिलाओं को यह महसूस होता है कि उनकी भावनाएं महत्वहीन हैं। बार-बार की यह उपेक्षा उन्हें अकेलापन, उदासी और आत्म-संदेह की ओर ले जाती है।

2. टॉक्सिक मर्दानगी और कंट्रोलिंग बिहेवियर

कई पुरुषों में यह आदत देखी जाती है कि वे अपने पार्टनर पर नियंत्रण रखना चाहते हैं – चाहे वो कपड़े पहनने के तरीके पर हो, दोस्तों से मिलने-जुलने पर हो या करियर विकल्पों पर। यह "टॉक्सिक मर्दानगी" महिलाओं के आत्म-सम्मान को धीरे-धीरे खत्म करती है। ऐसे रिश्ते में जीना एक मानसिक कारावास जैसा हो जाता है।

3. आलोचना और तुलना करना

अगर पुरुष बार-बार अपनी महिला साथी की तुलना दूसरों से करते हैं — जैसे किसी और की सुंदरता, कामयाबी या व्यवहार से — तो यह आदत महिलाओं को अंदर से तोड़ सकती है। आलोचना से आत्मविश्वास घटता है, और धीरे-धीरे महिलाएं खुद को असफल और अयोग्य मानने लगती हैं।

4. बातचीत में रूचि न लेना या ‘गैसलाइटिंग’ करना

जब कोई पुरुष अपनी साथी की बातों को महत्व नहीं देता या बार-बार कहता है कि "तुम ज़्यादा सोचती हो", "यह तो कुछ भी नहीं", तो वह ‘गैसलाइटिंग’ जैसा व्यवहार करता है। यह मानसिक शोषण का ही एक रूप है, जिसमें महिला को खुद ही अपनी सोच और भावनाओं पर शक होने लगता है।

5. धोखा देना या विश्वास तोड़ना

रिश्ते में सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है विश्वास। जब कोई पुरुष धोखा देता है या बार-बार झूठ बोलता है, तो वह महिला के मन में गहरे असुरक्षा और डर का बीज बो देता है। ऐसे अनुभव PTSD (पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) जैसी गंभीर मानसिक स्थितियों को जन्म दे सकते हैं।

6. घरेलू जिम्मेदारियों से बचना

आज के समय में महिलाएं भी पुरुषों की तरह काम करती हैं, लेकिन घर की जिम्मेदारियों का बोझ आज भी अक्सर उन्हीं पर होता है। यदि पुरुष भागीदारी नहीं निभाते, तो महिला शारीरिक रूप से थकने के साथ-साथ मानसिक रूप से भी टूटने लगती है। यह लगातार तनाव का कारण बनता है।

7. शारीरिक या मानसिक हिंसा

कई बार पुरुष गुस्से में आकर अपशब्द बोलते हैं, धमकी देते हैं या हाथ उठाते हैं। यह न सिर्फ कानूनन अपराध है बल्कि महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर स्थायी घाव छोड़ सकता है। मानसिक हिंसा (Verbal Abuse) उतनी ही हानिकारक होती है जितनी शारीरिक हिंसा।

8. सामाजिक तुलना और दिखावे की अपेक्षा

अगर पुरुष अपने पार्टनर से यह उम्मीद रखते हैं कि वो सोशल मीडिया या समाज में एक 'परफेक्ट' इमेज बनाए रखें, तो यह भी मानसिक दबाव का कारण बनता है। महिलाओं पर "लाइक्स" और "लोग क्या कहेंगे" का मानसिक भार बहुत गहराई से असर करता है।

9. संवाद की कमी और अनसुना करना

रिश्ते में संवाद की कमी किसी भी महिला को मानसिक रूप से अस्थिर कर सकती है। जब पुरुष संवाद बंद कर देते हैं, समस्याओं पर बात करने से कतराते हैं या हर बात को टाल जाते हैं, तो महिलाएं खुद को अकेला, असहाय और उपेक्षित महसूस करने लगती हैं।

10. इमोशनल सपोर्ट ना देना

हर इंसान को कभी न कभी भावनात्मक सहारे की ज़रूरत होती है। अगर पुरुष उस समय दूरी बना लें या उदासीन हो जाएं, तो महिलाएं गहरी निराशा और अकेलेपन में डूब सकती हैं। यही निराशा आगे चलकर अवसाद का रूप ले सकती है।

क्या है समाधान?

इस पूरे परिदृश्य का सबसे बड़ा समाधान है संवेदनशीलता और संवाद। पुरुषों को चाहिए कि वे अपने व्यवहार पर आत्ममंथन करें, पार्टनर की बातों को गंभीरता से सुनें और यह समझें कि मानसिक स्वास्थ्य किसी भी रिश्ते की बुनियाद है। रिश्तों में आपसी सम्मान, खुलापन और भावनात्मक सहयोग जरूरी है।

निष्कर्ष

पुरुषों की कुछ आदतें, चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में, महिलाओं की मानसिक सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। यह लेख किसी पर आरोप लगाने के लिए नहीं, बल्कि एक संवेदनशील जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है ताकि समाज में भावनात्मक समझ बढ़े और रिश्ते ज्यादा स्वस्थ और संतुलित बन सकें।

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