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गर्मियों की छुट्टियों में सरिस्का घूमने का है प्लान तो वीडियो में जान ले ये जरूरी बातें, ताकि ट्रिप बन जाए और भी मजेदार

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गर्मियों की छुट्टियों का मौसम शुरू हो चुका है और अगर आप शहरी भीड़भाड़ और तेज गर्मी से दूर किसी प्राकृतिक जगह की तलाश में हैं, तो राजस्थान का सरिस्का नेशनल पार्क आपके लिए एक शानदार विकल्प हो सकता है। हर साल मई-जून के दौरान यहां पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ती है, लेकिन सरिस्का की यात्रा को यादगार और आरामदायक बनाने के लिए कुछ जरूरी बातें जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं सरिस्का टाइगर रिजर्व से जुड़ी उन महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में, जो आपके ट्रिप को और भी शानदार बना सकती हैं।

सरिस्का नेशनल पार्क का परिचय
सरिस्का नेशनल पार्क, राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है। यह 800 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ एक विशाल टाइगर रिजर्व है, जिसे 1955 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था और 1978 में 'प्रोजेक्ट टाइगर' के तहत इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया। यहां बाघों के अलावा तेंदुआ, लकड़बग्घा, जंगली बिल्ली, सांभर, चीतल, नीलगाय और कई प्रकार के पक्षी भी देखने को मिलते हैं।सरिस्का की सबसे खास बात यह है कि यहां की हरियाली, झीलें और पुराने किलों के खंडहरों के बीच घूमते हुए आप इतिहास और प्रकृति का अद्भुत संगम देख सकते हैं।

गर्मियों में सरिस्का घूमने का खास अनुभव
गर्मियों में जब तापमान बढ़ता है, तो सरिस्का के वन्यजीव अक्सर पानी के स्रोतों के पास दिखाई देते हैं। ऐसे में सफारी के दौरान बाघ और अन्य जानवरों को देखने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। हालांकि, गर्मी काफी तेज होती है, इसलिए आपको अपनी यात्रा की तैयारी सही ढंग से करनी होगी।

सरिस्का घूमने के लिए सबसे अच्छा समय
सरिस्का घूमने का सबसे बढ़िया समय अक्टूबर से जून तक का माना जाता है। लेकिन यदि आप खास तौर पर बाघ या अन्य वन्यजीवों को खुले में देखना चाहते हैं, तो अप्रैल से जून के बीच का समय बेहतर होता है। गर्मियों में जानवर पानी के लिए बाहर आते हैं, जिससे सफारी के दौरान उन्हें देखना अपेक्षाकृत आसान होता है।ध्यान दें कि जुलाई से सितंबर तक मानसून के कारण पार्क आमतौर पर बंद रहता है।

सफारी से जुड़ी जरूरी बातें
सरिस्का में आप दो प्रकार की सफारी का आनंद ले सकते हैं — जीप सफारी और कैंटर सफारी। सफारी के स्लॉट सुबह और शाम के समय होते हैं, क्योंकि यही समय वन्यजीवों के सक्रिय होने का होता है।
सुबह सफारी का समय: 6:00 AM से 9:30 AM तक
शाम सफारी का समय: 3:00 PM से 6:30 PM तक

सफारी के लिए पहले से ऑनलाइन बुकिंग करना बेहतर रहता है, क्योंकि सीजन में स्लॉट जल्दी भर जाते हैं। इसके अलावा, पार्क नियमों के अनुसार एक सफारी वाहन में सीमित लोग ही जा सकते हैं, इसलिए समूह में जाने की योजना हो तो पहले से बुकिंग जरूर कर लें।

जरूरी सावधानियां
गर्मियों में तापमान 40°C से ऊपर जा सकता है, इसलिए हल्के और ढीले कपड़े पहनें।


सनस्क्रीन, टोपी, धूप का चश्मा और पानी की बोतल साथ जरूर रखें।
सफारी के दौरान शांत रहें और जानवरों के बहुत पास जाने की कोशिश न करें।

पार्क के नियमों का पालन करें और गाइड के निर्देशों को ध्यान से सुनें।

सरिस्का में घूमने लायक अन्य जगहें
सरिस्का सिर्फ टाइगर रिजर्व तक सीमित नहीं है। यहां कुछ और भी दिलचस्प स्थल हैं जिन्हें देखने का मौका आप नहीं छोड़ना चाहेंगे:
सरिस्का पैलेस: राजा जय सिंह द्वारा बनवाया गया यह भव्य महल अब एक लग्जरी होटल बन चुका है, जहां ठहरना अपने आप में एक शाही अनुभव है।
पांडुपोल हनुमान मंदिर: मान्यता है कि यहां महाभारत काल में भीम और हनुमानजी का मिलन हुआ था।
कंकवारी किला: यह ऐतिहासिक किला रानी कर्णावती से जुड़ी कई कहानियों का साक्षी रहा है। किले से सरिस्का का नजारा भी शानदार दिखता है।
भर्तृहरि मंदिर: साधना और अध्यात्म में रुचि रखने वालों के लिए यह एक खास स्थल है।

कैसे पहुंचे सरिस्का
सड़क मार्ग: जयपुर से सरिस्का की दूरी लगभग 110 किलोमीटर है, जिसे कार या बस से ढाई घंटे में तय किया जा सकता है।
रेल मार्ग: नजदीकी रेलवे स्टेशन अलवर है, जो सरिस्का से लगभग 35 किलोमीटर दूर है।
हवाई मार्ग: नजदीकी एयरपोर्ट जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
सरिस्का पहुंचने के बाद निजी टैक्सी या गाइड की मदद से आसपास की जगहें आसानी से घूमी जा सकती हैं।

निष्कर्ष
अगर आप गर्मियों की छुट्टियों में किसी ऐसे स्थान की तलाश में हैं जहाँ प्रकृति की गोद में रहकर सुकून भरे पल बिता सकें और रोमांच का भी भरपूर मजा ले सकें, तो सरिस्का नेशनल पार्क एक बेहतरीन विकल्प है। लेकिन यात्रा से पहले जरूरी तैयारियाँ करना न भूलें ताकि सफर पूरी तरह से आरामदायक और यादगार बन सके।

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