Next Story
Newszop

गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना, वीडियो में जानें कहा "बेटियों की सुरक्षा पर भाजपा ने झूठ बोला"

Send Push

राजस्थान में हाल ही में सामने आई नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर राजनीतिक माहौल एक बार फिर गर्मा गया है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला है। डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए सवाल किया, “मुख्यमंत्री जी, कब तक बेटियों से दरिंदगी होती रहेगी?”

डोटासरा ने अपने पोस्ट में लिखा, “सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा ने बेटियों की सुरक्षा पर झूठ बोलकर जो पाप किया है, उसके लिए आपको पश्चाताप करना चाहिए।” उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनाव से पहले महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन सरकार बनने के बाद उन वादों का कोई ठोस क्रियान्वयन नहीं हुआ।

प्रदेशाध्यक्ष ने यह भी कहा कि आए दिन नाबालिग बच्चियों के साथ हो रही दुष्कर्म की घटनाएं यह साबित करती हैं कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने पूछा कि आखिर सरकार कब जागेगी और महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी?

डोटासरा के इस बयान को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और महिला संगठनों में भी नाराज़गी का स्वर देखने को मिल रहा है। कई संगठनों ने मांग की है कि सरकार दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करे और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन करे।

दूसरी ओर, भाजपा ने डोटासरा के बयान को “राजनीतिक अवसरवाद” बताया है। भाजपा प्रवक्ताओं का कहना है कि कांग्रेस ने खुद अपने शासनकाल में महिला सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया, और अब केवल बयानबाज़ी से माहौल को भड़काया जा रहा है।

हालांकि, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच आमजन की चिंता साफ है — बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा। पिछले कुछ समय में राज्य के विभिन्न जिलों से नाबालिगों के साथ यौन हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें कई मामलों में पुलिस की लापरवाही और कार्रवाई में देरी की शिकायतें भी उठी हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि केवल बयानबाज़ी से हालात नहीं सुधरेंगे। राज्य सरकार को चाहिए कि वह महिला सुरक्षा को लेकर सख्त कानूनों के साथ-साथ ज़मीनी स्तर पर पुलिसिंग और जागरूकता अभियानों को तेज़ करे।

यह मुद्दा अब न केवल कानून व्यवस्था का, बल्कि राजनीति और सामाजिक जिम्मेदारी का भी बन गया है। देखना यह होगा कि सरकार इन घटनाओं के मद्देनज़र क्या ठोस कदम उठाती है और विपक्ष इन सवालों को किस हद तक आगे लेकर जाता है।

Loving Newspoint? Download the app now