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राजधानी लखनऊ समेत प्रदेशभर में अभाविप कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

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लखनऊ,04 सितम्बर (Udaipur Kiran) । अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने गुरूवार को राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन कर छात्रों पर हुए लाठीचार्ज में संलिप्त अधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों पर दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की। लखनऊ में हजरतगंज स्थित जीपीओ पार्क में गांधी प्रतिमा के समक्ष प्रान्त मंत्री के नेतृत्व में अभाविप कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने मंत्री ओम प्रकाश राजभर के इस्तीफे की भी मांग की।

इसके अलावा मथुरा, आगरा, कानपुर, चित्रकूट, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ व गोरखपुर महानगर में भी अभाविप कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया है।

वहीं अभाविप के लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय पर आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय मंत्री अंकित शुक्ल ने कहा कि यदि निर्धारित समयावधि में मांगें पूरी नहीं की गईं, तो अभाविप कार्यकर्ता प्रदेशव्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। मुख्यमंत्री ने माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का काम किया है, उनके द्वारा शिक्षा-माफियाओं को भी मिट्टी में मिलाया जाएगा हमें ऐसी उम्मीद है। उन्होंने इस घटना को लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।

अंकित शुक्ल ने कहा कि हमारी मांग है कि इस घटना में संलिप्त सभी पुलिसकर्मियों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही, विश्वविद्यालय प्रशासन पर उच्च शिक्षा परिषद की ओर से दर्ज प्राथमिकी पर त्वरित कार्रवाई हो तथा 25 अगस्त को तहसीलदार कोर्ट ने आदेशित 6 बीघे सरकारी भूमि के अवैध निर्माण पर बुल्डोजर चलवाया जाए।

श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में वर्षों से मानकों के विपरीत तथा नवीनीकरण/अनुमति के बिना विधि पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा था। बुधवार को ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से विश्वविद्यालय को सशर्त (प्रोविजनल) अनुमति प्राप्त हुई है, जो इस तथ्य का स्पष्ट प्रमाण है कि अब तक पाठ्यक्रम अवैध रूप से संचालित हो रहा था।

अभाविप की मुख्य मांगें

1. लाठीचार्ज किसके आदेश पर हुआ, यह शीघ्र सार्वजनिक किया जाए।

2. विधि पाठ्यक्रम के अवैध संचालन की उच्च स्तरीय जांच कर विश्वविद्यालय को बंद किया जाए।

3. विलम्ब शुल्क, सामाजिक कल्याण शुल्क व अन्य अवैध आर्थिक वसूली की जांच कर रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।

4. छात्रों को बिना चेतावनी निष्कासित करने की अवैधानिक प्रक्रिया के दोषियों को दंडित किया जाए।

5. उच्च शिक्षा परिषद के सचिव द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर विश्वविद्यालय पर कठोर कार्रवाई की जाए।

(Udaipur Kiran) / बृजनंदन

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