नई दिल्ली, 2 मई . कांग्रेस ने केंद्र सरकार से मांग की है कि जाति आधारित जनगणना को और अधिक विलंबित न किया जाए और इसकी पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सहभागी हो.
पार्टी का कहना है कि सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर, तय समयसीमा में जातिगत जनगणना शुरू की जानी चाहिए, ताकि सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें.
कांग्रेस ने यह भी दोहराया कि संविधान के अनुच्छेद 15(5) को तुरंत लागू कर ओबीसी, दलितों और आदिवासियों को निजी शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण दिया जाए.
पार्टी मुख्यालय में शुक्रवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में आज इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया.
बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की. इसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, के.सी. वेणुगोपाल, जयराम रमेश, भूपेश बघेल, सचिन पायलट, प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया.
सीडब्ल्यूसी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि मोदी सरकार ने 11 वर्षों के विरोध और इनकार के बाद कांग्रेस की जातिगत जनगणना की मांग को मान तो लिया है, लेकिन अब तक न तो कोई स्पष्ट योजना बनाई गई है और न ही इसके लिए बजटीय प्रावधान किया गया है.
कांग्रेस ने संसद में इस पर तत्काल बहस कराने और प्रत्येक चरण—प्रश्नावली, डेटा संग्रह, वर्गीकरण और प्रकाशन—के लिए स्पष्ट समयसीमा तय करने की मांग की है.
पार्टी ने तेलंगाना मॉडल को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें पार्टी का कहना है कि जाति सर्वेक्षण के लिए परामर्श, जवाबदेही और जनभागीदारी की खुली प्रक्रिया अपनाई गई थी. कांग्रेस का मानना है कि जाति जनगणना को वैज्ञानिक और सहभागी तरीके से लागू किया जाए, तो यह आरक्षण, शिक्षा, कल्याण और रोजगार की नीतियों को अधिक न्यायसंगत बना सकता है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा कि सरकार जातिगत जनगणना को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है और इसके असली श्रेय को छिपाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता ज़िलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसके लिए कांग्रेस को ही दोषी ठहरा रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस को अपनी रणनीति स्पष्ट करनी होगी. यदि आवश्यक हो तो राष्ट्रीय या राज्य स्तर पर सार्वजनिक सभाएं और प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएं. खड़गे ने कहा कि हमें पूरी तत्परता से यह सुनिश्चित करना है कि जातिगत जनगणना ठीक से हो और हमारी सभी मांगें पूरी हों.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने कहा कि सरकार ने जातिगत जनगणना की घोषणा तो कर दी है, लेकिन इसकी प्रक्रिया, प्रश्नावली और बजट को लेकर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि जब पूरा देश पहलगाम आतंकी हमले के शोक में था, तब इस संवेदनशील मुद्दे पर फैसला क्यों लिया गया? रमेश ने कहा कि सरकार ने पहले इस मांग की आलोचना की थी, अब अचानक यू-टर्न क्यों? राहुल गांधी के हवाले से उन्होंने कहा कि अगर ईमानदारी से जातिगत जनगणना करनी है तो तेलंगाना मॉडल अपनाइए, और 56 इंच की छाती नहीं, 56 ठोस सवाल पूछिए.
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास को श्रद्धांजलि दी गई.
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/ अनूप शर्मा
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