पटना, 01 जून . सीता संवाद आध्यात्मिक एवं साहित्यिक यात्रा के निदेशक आग्नेय कुमार ने रविवार को बातचीत में बताया कि जानकी जन्मभूमि पंच तीर्थ स्थल विकास के लिए राष्ट्रपति महोदय के नाम हस्ताक्षरयुक्त आवेदन जिलाधिकारी सीतामढ़ी के माध्यम से इसी माह के आखिरी सप्ताह में भेजा जाएगा.
आग्नेय कुमार ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि अयोध्याधाम की तरह माता सीता की जन्मभूमि पुनौराधाम, सीतामढ़ी, बिहार समेत त्रेतायुग के पंच तीर्थ स्थल श्री पुंडरीक आश्रम पुनौराधाम, जानकी जन्मभूमि पुनौराधाम, श्री रजत द्वार जानकी मंदिर सीतामढ़ी धाम, श्री जनक जी द्वारा पूजित श्री हलेश्वर नाथ धाम और प्रभु श्री राम एवं माता सीता डोली स्थल पंथपाकर धाम का संपूर्ण विकास की मांग की गई है. इन सबके साथ ही सीता कॉरिडोर, सीता धर्मशाला और स्टेशन से सीता प्राकट्य भूमि मार्ग को सीता पथ के रूप में विकसित करने की मांग भी है.
आग्नेय कुमार ने कहा कि खंडहर हो रहे अनेक मंदिर, जो धार्मिक न्यास बोर्ड के अधीन हैं, अतिक्रमणयुक्त हैं, उनको संरक्षित, संवर्धित और पुनर्निर्माण करना धार्मिक न्यास बोर्ड का काम है, जिसपर संज्ञान लेना चाहिए. क्योंकि चार प्रतिशत टैक्स साधु-संत से मंदिर संपति पर सरकार लेती है. सीता माता की जन्मभूमि का सर्वांगीण विकास इसलिए जरूरी है, क्योंकि यहां धरती माता की गोद से माता सीता प्रकट हुई हैं. इस नाते माता सीता मिथिला भाव से धरती माता सबकी माता हैं, तो सीता सबकी बहन भी हैं. पाहुन राम की जन्मभूमि का विकास हो गया है, तो माता सीता की जन्मभूमि पुनौराधाम को महाशक्तिपीठ घोषित कर इसका सर्वांगीण विकास होना चाहिए.
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/ गोविंद चौधरी
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