राकेश पाण्डेय
बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश मुसीबत का सबब बन गया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास करना अब अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन इस राह में शिक्षकों के सामने ढेर सारी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। आइए जानते हैं, कैसे यह फैसला शिक्षकों की नौकरी पर संकट बनकर मंडरा रहा है।
शिक्षकों की योग्यता पर सवालबेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षकों में कई तरह की शैक्षिक योग्यताएं देखने को मिलती हैं। इनमें बीएड, बीपीएड, इंटरमीडिएट पास और बीटीसी मुक्त शिक्षक शामिल हैं। खास बात यह है कि 1995 के आसपास मृतक आश्रित कोटे से भर्ती हुए करीब 90 फीसदी शिक्षक केवल हाईस्कूल पास थे। सरकार ने इन शिक्षकों को उनके लंबे अनुभव के आधार पर योग्य माना और बीटीसी प्रशिक्षण से छूट देकर प्रशिक्षित वेतनमान देना शुरू किया।
इसके अलावा, 1997 में सरकार ने इंटरमीडिएट पास और बीटीसी प्रशिक्षित शिक्षकों की भर्ती की थी। वहीं, 1999 तक विशिष्ट बीटीसी के तहत बीएड और बीपीएड डिग्रीधारकों को छह महीने का प्रशिक्षण देकर शिक्षक बनाया गया था। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने इन सभी शिक्षकों के सामने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।
नौकरी बचाने की जंग: लक्ष्मण रेखा पार करना आसान नहींसुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सभी शिक्षकों को TET पास करना अनिवार्य है। लेकिन उससे पहले उन्हें इस परीक्षा में बैठने की योग्यता हासिल करनी होगी, जो अपने आप में एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। हाईस्कूल पास शिक्षकों को पहले इंटरमीडिएट, फिर स्नातक और उसके बाद बीटीसी पास करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में लगभग सात साल का समय लग सकता है।
वहीं, इंटरमीडिएट पास शिक्षकों को स्नातक और बीटीसी पास करने में कम से कम पांच साल लगेंगे। अगर किसी शिक्षक ने स्नातक में 45 फीसदी से कम अंक हासिल किए हैं, तो उन्हें दोबारा यह परीक्षा अधिक अंकों के साथ पास करनी होगी, जिसमें तीन से पांच साल का समय लग सकता है।
बढ़ती उम्र, बढ़ती मुश्किलेंइन शिक्षकों के सामने सबसे बड़ी चुनौती है समय और उम्र। कई शिक्षक अब उस उम्र में हैं, जहां तीन से चार कठिन परीक्षाएं पास करना किसी जंग से कम नहीं। सालों बाद किताबें उठाकर पढ़ाई करना और परीक्षाओं की तैयारी करना उनके लिए पसीना छुड़ाने वाला काम बन गया है। सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश न सिर्फ उनकी नौकरी पर संकट लाया है, बल्कि उनकी मेहनत और अनुभव को भी कठघरे में खड़ा कर रहा है।
You may also like
BPSC 71वीं प्रारंभिक परीक्षा की आंसर-की जारी, कल से शुरू होगी आपत्ति प्रक्रिया
Health Tips- कीटो डाइट केवल पतला ही नहीं करती हैं, बल्कि इन स्वास्थ्य परेशानियों से देती हैं छुटकारा
Health Tips- ऐसे आहार पदार्थ जिनको दुबारा गर्म करके सेवन से स्वास्थ्य पर होता हैं बुरा असर, जानिए पूरी डिटेल्स
बाथरूम की दीवार मरम्मत कर` रहा था प्लंबर, अंदर निकले 5 करोड़ रुपए, जाने फिर क्या हुआ
राजस्थान में 4th क्लास भर्ती पर उमड़ा अभूतपूर्व सैलाब, 24 लाख से अधिक आवेदन